
राज्य सरकार ने इस समिति के विशेष सदस्य नर्मदानंद, हरिहरानंद, कम्प्यूटर बाबा, भय्यू महाराज और योगेंद्र महंत को राज्यमंत्री का दर्जा प्रदान किया है। कम्प्यूटर बाबा ने एक अप्रैल से 15 मई तक नर्मदा घोटाला रथ यात्रा निकालने की घोषणा की थी। इस यात्रा के संयोजक योगेंद्र महंत थे। माना जा रहा है कि साधु-संतों के लामबंद होने की वजह से शिवराज सरकार बैकफुट पर थी। इसी के बाद सरकार ने आनन-फानन में पांच विशिष्ट संतों को राज्यमंत्री का दर्जा देने का फैसला लिया है।
इससे पहले सीएम शिवराज सिंह कर्मचारियों के एक बड़े वर्ग को साध चुके हैं। संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का ऐलान कर चुके हैं। अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन का ऐलान भी किया जा चुका है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का महासम्मेलन इसी माह आयोजित होने वाला है। दलित कर्मचारियों का आरक्षण के कारण मिला प्रमोशन बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील कर चुके हैं। चुनावी साल में एक एक करके वो हर वर्ग को खुश करने का प्रयास कर रहे हैं।