16 अप्रैल को कुछ इस तरह से करें स्नान, अच्छे दिन शुरू हो जाएंगे | JYOTISH

अच्छे दिन की चाह किसे नहीं होती। अच्छे दिन के लिए लोग राजपाट बदल देते हैं। गांव देश बदल देते हैं। यदि आप ईश्वर में आस्था रखते हैं तो आपको ज्ञात ही होगा कि आपके इष्ट आपके जीवन में कभी कभी ऐसे अवसर उपस्थित करते हैं जब एक छोटे से प्रयास से आप अपना दुर्भाग्य कम कर सकते हैं, आपके अच्छे दिनों की शुरूआत हो सकती है। 16 अप्रैल वही तारीख है। इन दिनों आपको केवल स्नान दान की प्रक्रिया एक दिन के लिए बदलनी है। श्रृद्धाभाव से नियम का पालन किया तो आप चमत्कार का अनुभव करेंगे। 

वैशाख कृष्ण पक्ष शुभ तिथि सोमवती अमावस्या 16 अप्रैल को सर्वार्थसिद्धि योग में पड़ने जा रही है। 5 मई 2008 को वैशाख में पड़ी सोमवती अमावस्या के बाद 10 साल बाद यह विशेष संयोग बन रहा है। अर्थात 16 अप्रैल को 10 साल बाद वैशाख सोमवती अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन शुकदेव मुनि व पाराशर ऋषि जयंती भी रहेगी। साथ ही सोमवार के दिन वैशाख अमावस्या पड़ना अति फलकारी है क्योंकि सोमवार भगवान शिव व चंद्र को समर्पित दिन है। 

इसलिए इस दिन भगवान शिव के दर्शन करने व उनकी आरधना करने से भक्तों को विशेष लाभ की प्राप्ति होगी। चंद्रदेव को शास्त्रों में मन का कारक माना गया है। अतः इस दिन अमावस्या पड़ने का अर्थ यह है कि मन संबंधी दोषों के समाधान के लिए यह दिन अति उत्तमकारी है। शास्त्रों में चंद्रमा को ही समस्त दैहिक, दैविक और भौतिक कष्टों का निवारक व कारक माना जाता है।

पवित्र नदियों में स्नान-दान का है विशेष महत्व
सोमवती अमावस्या का पर्व मुख्यतः सुहागन महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। 
इस दिन महिलाएं अपने पति के दीर्घायु होने की कामना के साथ विधि विधान से व्रत का पालन करती हैं। 
सोमवती अमावस्या के दिन तीर्थ स्थलों पर जाने व गंगा, नर्मदा, क्षिप्रा आदि पवित्र नदियों में पितृ तर्पण एवं स्नान, दान करने का विशेष महत्व मना जाता है। 
सोमवती अमावस्या पर पूजन करना परिवार में सुख, शांति एवं समृद्धि प्रदान करता है। 
पीपल के पेड़ एवं तुलसी की परिक्रमा करने का महत्व माना जाता है। 
इस दिन गाय को दही एवं चावल खिलाने सूर्य अर्ध्य समर्पित करने तुलसी पूजन करने व उसमें पानी डालने के साथ ही गायत्री मंत्र जाप करना शुभकारी होता है।

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