
उन्होंने सीए से पोली बैग्स निर्माण इकाई के लिए लोन की चर्चा की और जरूरी दस्तावेज भी सौंप दिए। कुछ दिनों बाद सीए ने 1 करोड़ 70 लाख टर्म लोन, 60 लाख सीसी लिमिट इलाहाबाद बैंक (पलासिया) से स्वीकृत करवाया। बैंक द्वारा 65 लाख रुपए की पहली किस्त खुद की फर्म मेसर्स अखिलेश इंटरप्राइजेस के केनरा बैंंक के खाते में ट्रांसफर कर दी। सीए ने 5 लाख रुपए फीस के काट लिए और 60 लाख रुपए फैक्टरी कार्य, रिनोवेशन, लूम्स आदि लिए सौंप दिए।
कुछ दिनों बाद 1 करोड़ 70 लाख में शेष 1 करोड़ 5 लाख भी अखिलेश इंटरप्राइजेस के खाते में आरटीजीएस के जरिए जमा कर दिए। यह रुपए सोडानी ने खुद के पास ही रख लिए। रुपए मांगने व दबाव बनाने पर धमकी दी। सीए के मुताबिक शिकायतकर्ता से मैं तीन साल से संपर्क में नहीं हूं। उनके द्वारा झूठे आरोप लगाए गए हैं। यह सीए की प्रेक्टिस बंद करवाने की साजिश है।