फोटो के कारण विवादों में घिर गया ब्रेस्टफीडिंग की आजादी का अभियान | NATIONAL NEWS

नई दिल्ली। एक वकील ने गृहलक्ष्मी मैगजीन के खिलाफ केस दर्ज कराया है, जिसके कवर पेज पर मॉडल की एक बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराते हुए तस्वीर छापी गई थी। एएनआई के अनुसार, वकील विनोद मैथ्यू ने कोल्लम मैगजीन के कवर पेज पर छपी इस फोटो को लेकर स्थानीय कोर्ट में केस दर्ज कराया है। पिछले हफ्ते मलयालम मॉडल गीलू जोसेफ की गृहलक्ष्मी के पेज पर ब्रेस्टफीडिंग कराते हुए फोटो ने सोशल मीडिया में सनसनी मचा दी थी। इस फोटो को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स के बीच बहस छिड़ गई थी। कुछ लोग इसे सही मान रहे थे तो कुछ लोग इस पर आपत्ति जता रहे थे। इस फोटोशूट पर मचे बवाल को लेकर मॉडल का कहना है कि उन्होंने जो किया, उसका उन्हें कोई अफसोस नहीं है।

27 वर्षीय गीलू जोसेफ ने कहा “मैं वहीं करती हूं जो मुझे लगता है कि वह मेरे लिए ठीक है। मैं फेल हो सकती हूं लेकिन मुझे इसका कोई अफसोस नहीं है। महिलाओं को बिना किसी निषेध और डर के आजादी के साथ ब्रेस्टफीड कराना चाहिए और आर्टिकल में यह मेरा संदेश भी था, लेकिन लोग इसपर आपत्ति जताने लगे, वो भी बिना जाने कि मैं क्या कहना चाह रही हूं।” आपको बता दें कि गृहलक्ष्मी के इस अंक के रिलीज होने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे लेकर सवाल करना खड़ा कर दिया था।

सोशल मीडिया यूजर्स का कहना था कि मैगजीन ने एक बच्चे के साथ मॉडल का उपयोग करते हुए एक अवास्तविक वर्णन क्यों किया है, जिसमें कि बच्चा खुद मॉडल का नहीं है? यूजर्स ने यह भी कहा था कि क्यों मॉडल को मांग में सिंदूर लगाए हुए दिखाया गया है जबकि वह खुद ईसाई है? इसी तरह कई यूजर्स ने इसके समर्थन में भी अपनी प्रतिक्रिया दी थीं। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते मैगजीन ने एक अभियान लॉन्च किया था जिसका नाम ‘What’s shameful about breastfeeding in public?’ था। इस अभियान को केरल के कई कवियों और लेखकों ने अपना समर्थन दिया था।
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