अरविंद केजरीवाल: 3 साल पहले कोर्ट में कहा था सुलह नहीं करूंगा, अब माफी मांग रहे हैं | NATIONAL NEWS

नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम एवं आम आदमी पार्टी के सर्वेसर्वा अरविंद केजरीवाल ने पार्टी की सारी प्रतिष्ठा को हिलाकर रख दिया है। 3 साल पहले उन्होंने देश के भ्रष्ट नेताओं की लिस्ट जारी की थी। जब गड़करी कोर्ट गए तब कोर्ट ने भी दोनों को सुलह करने का मौका दिया था। तब केजरीवाल ने अकड़कर कहा था कि मेरे पास दस्तावेजी सबूत हैं, मैं अंत तक लडूंगा और अब माफी मांगकर मामला खत्म करने की पहल कर रहे हैं। 

कब शुरू हुई थी लड़ाई 
गडकरी और केजरीवाल के बीच कानूनी लड़ाई की नींव 30 जून 2014 को पड़ी। जब आम आदमी पार्टी मुखिया अरविंद केजरीवाल ने मीडिया के सामने देश के भ्रष्ट नेताओं की सूची जारी की थी। इसमें बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी का नाम दर्ज किया था। गडकरी को भ्रष्ट नेता बताते हुए उनके खिलाफ तमाम गंभीर आरोप लगाए थे। इस पर बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने कोर्ट में कहा था, ”ईमानदारी उनकी राजनीतिक शक्ति है और उनकी प्रतिष्ठा उनकी पूंजी है। ऐसे में झूठे आरोप लगाकर केजरीवाल ने उनकी मानहानि की है।

कोर्ट ने कहा था सुलह कर लो
उस वक्त की मीडिया रिपोर्ट, के मुताबिक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गोमती मनोचा ने पहले अरविंद केजरीवाल और नितिन गडकरी को आपस में बैठकर सौहार्दपूर्ण तरीके से मामला सुलझा लेने का सुझाव दिया था। मजिस्ट्रेट ने दोनों पक्षों से कहा था, आप समय को सार्थक चीजों में क्यों नहीं लगाते?अदालत के समक्ष हाथ मिला लीजिए। आप दोनों जाने-माने नेता हैं, लोग आपसे उम्मीद रखते हैं, आप सुलह के जरिए केस का सौहार्दपूर्ण हल क्यों नहीं निकालते।

केजरीवाल बोले थे-नहीं करूंगा सुलह
कोर्ट के इस सुझाव पर नितिन गडकरी ने कहा था कि अगर केजरीवाल अपने मानहानि वाले बयान वापस लेते हैं तो वे कोर्ट से शिकायत वापस ले लेंगे। अन्यथा की स्थिति में वे कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और केजरीवाल को उनके खिलाफ आरोप साबित करने पड़ेंगे। वहीं दूसरी तरफ कोर्ट के सुलह करने के ऑफर को स्पष्ट शब्दों में केजरीवाल ने ठुकरा दिया। उन्होंने साफ कहा कि-उनके पास गडकरी के खिलाफ दस्तावेजी सुबूत हैं और वे सुलह करने की जगह मुकदमा लड़ते रहेंगे।

जेल गए तभी अकड़ रहे थे
केजरीवाल के इन्कार के बाद मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गोमती मनोचा ने सीआरपीसी की धारा 251 के तहत केजरीवाल के खिलाफ नोटिस जारी कर मुकदमा चलाने का फैसला लिया था। बता दें कि इससे पहले इस मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी भी हो चुकी है, जब उन्होंने मुचलका भरने से इन्कार कर दिया था। बाद में दिल्ली हाई कोर्ट की सलाह पर जब उन्होंने मुचलका भरा था, तब उन्हें 27 मई को जेल से रिहा किया गया था।

अब लिया यू-टर्न
केजरीवाल ने आखिरकार नितिन गडकरी से माफी मांगकर मुकदमा खत्म करने की पहल की। सूत्र बताते हैं कि केजरीवाल और गडकरी ने साझा हलमफनामा देकर कोर्ट से केस वापस लेने की बात कही है। केजरीवाल ने नितिन गडकरी को भेजे अपने माफीनामा में कहा है- मेरी ओर से तथ्यों की जांच-परख किए बगैर आपके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। मेरी आपसे कोई निजी दुश्मनी नहीं है। आरोपों को लेकर मुझे खेद है। चाहता हूं मेरे खिलाफ चल रहा मानहानि केस वापस ले लिया जाए।

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