भोपाल। अपनी मांगों को लेकर मध्यप्रदेश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत जिला स्तर पर संचालित जिला ई-गवर्नेंस सोसायटी के कर्मचारी 15 मार्च 2018 से संविदा संयुक्त संघर्ष मंच के बैनर तले अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। ई- गवर्नेस सोसायटियों में पदस्थ अमले का विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में संविलियन संविदा कर्मचारियों की प्रमुख मांग है। कर्मचारियों का वेतन विगत 5 वर्षो में पुनिरिक्षण नहीं हुआ है समान कार्य समान वेतन की नीति नहीं होने से आर्थिक रूप से शोषित किए जा रहे हैं।
मध्य प्रदेश के सभी 51 जिलों में पदस्थ ई-गवर्नेंस अमले का विगत 2 वर्ष में स्थानान्तरण नहीं हुआ है, जिससे दूरस्थ जिले में पदस्थ स्टाफ को इतने अल्प मानदेय में कार्य करने में समस्या हो रही है। जिला ई- गवर्नेस कर्मचारियों के अनुबंध में 10% वार्षिक वेतन वृद्धि निर्धारित किया गया है, परंतु पिछले मई-जून में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वेतन वृद्धि AICPIN के अनुरूप देने की बात कही, आज 1 वर्ष उपरांत यह निर्धारित नहीं हुआ है कि वेतन वृद्धि क्या होगी। पिछले वर्ष की वेतन वृद्धि निर्धारित नहीं हो पाई और अब अप्रैल से अगले वर्ष के लिए अनुबंध नवीनीकरण प्रक्रिया प्रारंभ होना है।
शासन के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत संचालित ई गवर्नेंस उपेक्षित हो रहा है, शोषण निरंतर जारी है. विगत 10 माह से ई गवर्नेंस कर्मचारी संघ के द्वारा अपनी मांगों के संबंध में ज्ञापन प्रदेश मुख्यमंत्री विभागीय मंत्री विभागीय अधिकारी सभी को अनेकों बार देकर शीघ्र समस्या के निराकरण हेतु संपर्क किया परंतु निराकरण होने से कर्मचारी आक्रोशित है. शोषण से मुक्ति एवं नियमितीकरण को लेकर पूरे प्रदेश के समस्त ई गवर्नेंस के युवा संविदा कर्मचारी हड़ताल पर हैं जिस कारण जिलों में कंप्यूटर से संबंधित एवं शासन के ऑनलाइन कार्य पिछले 1 हफ्ते से पूरी तरह ठप पड़ा है।