नई दिल्ली। मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति मोहम्मद जमील अहमद ने रविवार को कहा कि भारत को देश में लोकतंत्र की स्थापना के लिए प्रयास करने चाहिए। इससे पहले चीन ने धमकी दी थी कि यदि भारत ने मालदीव के मामले में हस्तक्षेप किया तो अच्छा नहीं होगा। न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक जमील अहमद ने कहा कि मालदीव में शांति स्थापित करने में अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का नेतृत्व भारत को करना चाहिए। अहमद ने कहा, 'ऐसी परिस्थितियों में मेरी राय है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मदद के लिए आना चाहिए। मेरा मानना है कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत लीगल मेकेनिज्म का पालन करते हुए भारत को मालदीव में लोकतंत्र की बहाली के लिए प्रयास करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि मालदीव में लोकतंत्र की बहाली के लिए आंतरिक प्रयास असफल हो चुके हैं। जमील अहमद ने कहा, 'मालदीव के लोगों ने लोकतंत्र की बहाली के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं। न्यायपालिका ने अपना फैसला दिया, संसद ने प्रयास किया, संवैधानिक संस्थाओं ने कोशिश की, लेकिन मालदीव में लोकतंत्र और कानून के शासन की बहाली के सभी प्रयास असफल रहे।'
मालदीव में आपातकाल को 30 दिनों के लिए और बढ़ाए जाने के फैसले पर भारत ने असहमति जताते हुए गुरुवार को कहा था कि इसका कोई कारण नहीं बनता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, 'ऐसा करने का हम कोई सही कारण नहीं मानते। हम मालदीव की स्थितियों पर नजर रखे हुए हैं और सरकार से मांग करते हैं कि वह राजनीतिक कैदियों, चीफ जस्टिस को रिहा करे। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करे और सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं का कामकाज सुनिश्चित करे।'