
उन्होंने कहा कि मालदीव में लोकतंत्र की बहाली के लिए आंतरिक प्रयास असफल हो चुके हैं। जमील अहमद ने कहा, 'मालदीव के लोगों ने लोकतंत्र की बहाली के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं। न्यायपालिका ने अपना फैसला दिया, संसद ने प्रयास किया, संवैधानिक संस्थाओं ने कोशिश की, लेकिन मालदीव में लोकतंत्र और कानून के शासन की बहाली के सभी प्रयास असफल रहे।'
मालदीव में आपातकाल को 30 दिनों के लिए और बढ़ाए जाने के फैसले पर भारत ने असहमति जताते हुए गुरुवार को कहा था कि इसका कोई कारण नहीं बनता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, 'ऐसा करने का हम कोई सही कारण नहीं मानते। हम मालदीव की स्थितियों पर नजर रखे हुए हैं और सरकार से मांग करते हैं कि वह राजनीतिक कैदियों, चीफ जस्टिस को रिहा करे। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करे और सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं का कामकाज सुनिश्चित करे।'