
कोई सामान सस्ता-महंगा नहीं हुआ
इतिहास में पहली बार आम बजट में देश में बना कोई सामान सस्ता-महंगा नहीं हुआ। क्योंकि, बजट में अब ऐसा होगा ही नहीं। 1 जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू हुआ। और तब से जीएसटी काउंसिल ही कीमत तय करवाती है। इसे संसद की मंजूरी की जरूरत भी नहीं है। इस सिस्टम में बदलाव के लिए संविधान में बदलाव करना होगा। हालांकि, पेट्रो प्रोडक्ट, शराब, बिजली और रियल एस्टेट जीएसटी से बाहर हैं। सरकार के पास बजट के लिए सिर्फ कस्टम ड्यूटी बची है। जो सिर्फ विदेशी सामान पर लगती है। जैसे कि इस बजट में टीवी और मोबाइल पर लगाई है।
गरीबों को क्या दिया
निर्धन नागरिकों के लिए इस बार भी काफी कुछ दिया गया है। यहां तक कि 5 लाख का बीमा स्वास्थ्य बीमा भी दे दिया गया। वास्तव में यह देश का इतिहास की पहली योजना है 50 करोड़ लोग फायदा ले सकेंगे। बग़ैर कोई काम किए। मनरेगा में करोड़ युवा को लाभ है। किन्तु ये काम है। सरकारी अस्पतालों की हालत खराब है। सरकार अस्पताल सुधारे, डॉक्टरों की भर्ती करे, महंगी मशीनें खरीदे इससे बेहतर है कि गरीबों को इलाज का पैसे दे दे। इस योजना पर सरकार करीब ढाई लाख करोड़ खर्च करेगी। यह पैसा मिडिल क्लास पर टैक्स लगाकर वसूला जाएगा।
अमीरों के लिए क्या दिया
250 करोड़ टर्न ओवर तक टैक्स कम कर दिया। सभी सक्रिय, तेज़ और पैसा कमाने वाले कारोबार इसी कैटेगरी में हैं। तो फायदा बढ़ेगा। कुलजमा यह बजट ‘मोदीकेयर’ के लिए यादगार रहेगा। क्योंकि इतना बड़ा बीमा तो बड़ी-बड़ी प्राइवेट इंटरनेशनल कंपिनयां भी नहीं देतीं।