
विभाग ने एससी-एसटी, ओबीसी और सामान्य वर्ग के रोस्टर के आधार पर पदों की गणना कर महिलाओं के लिए आरक्षण तय किया था, लेकिन पीएससी ने 26 में से 6 पद महिलाओं की भर्ती करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। दरअसल, पीएससी सभी विभागों से ऑनलाइन प्रस्ताव बुलाता है और उनके साफ्टवेयर में ही महिलाओं के लिए निर्धारित पदों की गणना हो जाती है। जबकि विभाग ने रोस्टर के मुताबिक पदों को भरने का प्रस्ताव दिया था।
इसको लेकर नगरीय प्रशासन विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव ने तीन माह पहले पीएससी के साॅफ्टवेयर में बदलाव करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) को नोटशीट भेजी थी। इसमें मप्र सिविल सेवा (लोक सेवाओं और पदों में महिलाओं की नियुक्ति के लिए विशेष उपबंध) नियम 1996 का हवाला दिया था। जिसके आधार पर विभागों में भर्ती होती आ रही है। इस पर जीएडी ने अपना अभिमत दिया कि एससी के साॅफ्टवेयर में कोई गड़बड़ी नहीं है। इस फाइल को दो दिन पहले ही नस्तीबद्ध कर दिया गया है।
...तो 60 फीसदी सीईओ महिलाएं हो जाएंगी
नगर पालिकाओं व नगर परिषदों के सीएमओ की सीधी भर्ती महिलाओं के लिए आरक्षण लागू होने के 15 साल बाद वर्ष 2012 से शुरू हुई थी। इसके बाद चार साल में 110 सीएमओ के पदों को भरा गया। इस दौरान हर भर्ती में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत पद आरक्षित किए गए थे। इस हिसाब से सीएमओ के संवर्ग में 45 प्रतिशत पदों पर महिलाओं की नियुक्ति हो गई। अब वर्ष 2017 में रिक्त पदों को भरने के लिए महिलाओं को आरक्षण दिया जा रहा है। ऐसे में महिला सीएमओ की संख्या 60 फीसदी हो जाएगी।
यह है नियम : आरक्षण समस्त और प्रभागवार होगा
नियम में स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि राज्य के अधीन सेवा में सीधी भर्ती के प्रक्रम पर महिलाओं के पक्ष में समस्त पदों के 33 प्रतिशत पद आरक्षित रहेंगे तथा उक्त आरक्षण समस्त और प्रभागवार (हॉरिजेंटल एंड कंपार्टमेंटवाईज) होगा।