अनफेयर मीन्स के नाम पर अटका दिया पटवारी परीक्षा परिणाम | MP NEWS

भोपाल। व्यापमं में कुछ तो ऐसा है जो उसे नियमानुसार काम करने से रोकता है। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) के पास परीक्षाएं आयोजित कराने के अलावा कोई काम नहीं हैं। इसमें भी टाटा कंसल्टेंसी जैसी कंपनी सेवाएं दे रही है, बावजूद इसके परीक्षा परिणाम समय पर जारी नहीं किए जा पा रहे हैं। ताजा मामला पटवारी परीक्षा का है। अनफेयर मीन्स के नाम पर 12 लाख अभ्यर्थियों के परीक्षा परिणाम रोक दिए गए हैं। 

पत्रकार शैलेंद्र चौहान की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में पटवारी के 9 हजार पदों के लिए 12 लाख परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। दिसंबर 2017 में हो चुकी परीक्षा के परिणाम का अभी भी इंतजार हो रहा है। दरअसल परीक्षा के दौरान करीब 125 ऐसे परीक्षार्थी मिले थे, जिन्हें अनुचित साधनों (अनफेयर मीन्स) में शामिल माना गया है। अब इन पर फैसला प्रोफेश्नल एक्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) की निराकरण समिति को करना है। इसी के चलते परिणाम फरवरी में नहीं आ पाएगा। अब मार्च के दूसरे सप्ताह में ही परिणाम आने की उम्मीद है। तकनीकी खामियों की वजह से परीक्षा के पहले ही दिन हंगामा हुआ था। 

मात्र 125 मामले, तो टालमटोल क्यों
जब भी कोई परीक्षार्थी नकल करने के लिए अनुचित साधनों (अनफेयर मीन्स) का प्रयोग करते पाया जाता है तो ऐसी स्थिति में उस परीक्षार्थी को परीक्षा तो देने दी जाती है, लेकिन इस्तेमाल की जा रही नकल सामग्री या उपकरण को जब्त कर आंसरशीट के रिकॉर्ड में यूएफएम केस दर्ज कर दिया जाता है। ऐसे परीक्षार्थियों को नकल का दोषी ठहराने से पूर्व एक कमेटी पूरे मामले की जांच करती है और संबंधित परीक्षार्थी को पक्ष रखने का मौका देती है। परीक्षा के स्कोर में नकल सामग्री से जुड़े हिस्से की मार्किंग को शामिल नहीं किया जाता है। कमेटी के निर्णय के बाद ही ऐसे उम्मीदवारों को परिणाम घोषित किया जाता है। यह प्रक्रिया हर परीक्षा में अपनाई जाती है। इसमें नया कुछ नहीं है। 

कब हुई थी परीक्षा 
पीईबी ने पटवारी भर्ती परीक्षा 9 दिसंबर से 29 दिसंबर तक आयोजित की थी। इसमें 9 दिसंबर को पहली पाली की परीक्षा में 8 हजार परीक्षार्थी परीक्षा देने से वंचित रह गए थे। इन परीक्षार्थियों को तकनीकी खामियों की वजह से परीक्षा से बाहर कर दिया गया था। इन्हें 21 दिसंबर से 29 दिसंबर की परीक्षा तिथि में वापस बैठने दिया गया था। बोर्ड ने वापस से इन परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र जारी किए थे, ताकि दिक्कतें नहीं आए। 

परीक्षार्थियों के लिए ये थीं शर्तें 
पीईबी ने अनुचित साधनों के उपयोग पर 9 बिन्दुओं की गाइडलाइन बनाई थी। 
परीक्षार्थी के पास मोबाइल फोन, केलकुलेटर, लॉग टेबिल, नकल परचा, रफ पेपर, लूज पेपर स्लिप, इलेक्ट्रॉनिक घड़ी और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाने पर पाबंदी थी। 
परीक्षा में चिल्लाना, बोलना, कानाफूसी करना, ईशारे करना व किसी दूसरे परीक्षार्थी से संपर्क करने पर प्रतिबंध था। 
प्रतिबंधित सामाग्री मिलने और उसे सौंपने से इनकार करने, खुद नष्ट करने और उपयोग करने पर यूएफएम प्रकरण दर्ज हो सकता है। 
नकल प्रकरण से जुड़े दस्तावेज और प्रपत्र पर हस्ताक्षर से इनकार करना। 
सक्षम अधिकारी के निर्देश के बाद भी दस्तावेज वापस नहीं करने और इनकार पर। 
पटवारी भर्ती परीक्षा का परिणाम पहले फरवरी में जारी होने की तैयारी थी, लेकिन कुछ परिक्षार्थियों को वंचित रहने की वजह से बाद में परीक्षा दिलवाई गई। यूएफएम के प्रकरणों को कमेटी में रखा जाएगा। इसके परिणाम 15 मार्च के पहले जारी हो जाएंगे। 
आलोक वर्मा, पीआरओ, पीईबी 

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