
घटना मेंग्लुरु सेंट्रल और थिरुवनंतपुरम के बीच चलने वाली ट्रेन मावेली एक्सप्रेस में घटी। सानुषा थिरुवनंतपुरम जा रही थीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रात करीब 1 बजे जब वे अपर बर्थ पर सो रही थीं, तभी उन्होंने महसूस किया कि उनके होंठों पर कुछ हलचल हो रही है। उन्होंने आंखें खोलीं तो पाया कि एक आदमी उनके होंठों पर अपना हाथ फेर रह रहा था।
सानुषा ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने आदमी का हाथ तुरंत अपने होंठों से दूर झटक दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने मदद के लिए वहां मौजूद लोगों को आवाज भी लगाई लेकिन सिर्फ दो लोगों को छोड़कर कोई भी उनका साथ देने नहीं आया। यहां तक कि लोअर बर्थ पर मौजूद यात्रियों में से भी किसी ने कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया। जो दो लोग सानुषा की मदद के लिए आगे आए। उनमें से एक स्क्रिप्ट राइटर उन्नी थे और दूसरा ट्रेन में ही सफ़र कर रहा पैसेंजर, जिसका नाम रंजीत था। सानुषा ने किसी तरह टिकट चैकर को अपने साथ घटी घटना की जानकारी दी और थिरुवनंतपुरम पहुंचते ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
एक्ट्रेस बोली- लोगों को सिर्फ फेसबुक पर गुस्सा निकालना आता है
घटना के बाद सानुषा बेहद गुस्से में हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, "मुझे लगता है कि लोगों का गुस्सा सिर्फ फेसबुक तक ही सीमित रहता है लेकिन जब रियल लाइफ सिचुएशन सामने होती है तो कोई परवाह और रिएक्ट नहीं करता। अगर मैं फेसबुक पर स्टेटस लिखूं तो कई लोग यह कहते हुए सपोर्ट में आ जाएंगे कि मैं सानुषा के साथ हूं। अपनी प्रोफाइल फोटो बदल लेंगे। एक महिला होने के नाते मैं चाहती हूं कि लोग तब मेरे साथ खड़े खोते, जब मेरे साथ छेड़छाड़ हो रही थी। सिर्फ सोशल मीडिया पर साथ खड़े होने से कुछ नहीं होगा। यह वाकई दुखदाई है और इस घटना के बाद से मेरा समाज पर से विश्वास उठ गया है।
5 साल की उम्र से एक्टिंग कर रही हैं सानुषा
सानुषा को बेबी सानुषा के साथ से भी जाना जाता है। वे तब से मलयालम फिल्मों में कम कर रही हैं, जब वे महज 5 साल की थीं। 1998 में उन्होंने मलयालम फिल्म 'Kallu Kondoru Pennu' में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया। इसके बाद वे 'दादा साहिब'(2000), 'Meesa Madhavan' (2002), 'Keerthi Chakra' (2006), 'Idiots' (2012) और 'Oru Murai Vanthu में भी दिखाई दी।