प्राचार्यो की लापरवाही से अध्यापकों की अंशदान राशि खटाई में | ADHYAPAK SAMACHAR

मंडला। अध्यापकों के अंशदायी पेंशन योजनान्तर्गत अध्यापक और शासन के अंशदान की राशि अध्यापकों के एनएसडीएल प्रान खाते में नियमित रूप से प्रतिमाह जमा हो सके इस हेतु राज्य अध्यापक संघ की जिला इकाई ने प्रयास कर व्यवस्था में परिवर्तन कराया था जिसके अन्तर्गत जिला कोषालय से डीडीओ द्वारा राशि आहरित किये जाने की व्यवस्था दी गई है। 

उक्त व्यवस्था के लागू होने पर डीडीओ द्वारा कोषालय से अंशदान की 20 प्रतिशत राशि के देयक कोषालय में लगाकर राशि आयुक्त आदिवासी विकास के खाते में सीधे जमा कराई जाना है। लेकिन अधिकांश प्राचार्यो की लापरवाही के चलते अध्यापकों की अंशदान की राशि के देयक तैयार नहीं किये जा रहे हैं। कुछ प्राचार्यो के द्वारा तैयार भी किये जा रहे हैं तो त्रुटिपूर्ण तरीके से तैयार किये जा रहे हैं। जिसके चलते अध्यापकों का अंशदान एनएसडीएल में जमा नहीं हो रहा है। और अध्यापकों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। 

नारायणगंज ब्लाक में यह कार्यवाही सही तरीके से किये जाने पर अध्यापकों का जुलाई और अगस्त 2017 का अंशदान एनएसडीएल प्रान खाते में जमा हो गया है। व्यवस्था सरल है बावजूद इसके प्राचार्यो की लापरवाही से इस व्यवस्था को पलीता लगा दिया गया है। राज्य अध्यापक संघ के जिला शाखा अध्यक्ष डी.के.सिंगौर ने व्यवस्था में और सुधार लाने हेतु मांग की है कि सभी प्राचार्यो के एनएसडीएल का डीडीओ पंजीयन नम्बर समाप्त कर दिया जाये और अध्यापकों के प्रान को बी.ईओ. के डीडीओ से जोड़ दिया जाये साथ ही डीटीओ पावर आयुक्त आदिवासी के स्थान पर सहायक आयुक्त को दिया जाये ताकि पूरे जिले के अध्यापकोें का अंशदान सहायक आयुक्त द्वारा एकत्रित कर एक साथ चालान जनरेट कर राशि एनएसडीएल में जमा कराई जा सके। संघ ने आयुक्त आदिवासी से यह मांग भी की है कि आयुक्त आदिवासी स्तर से दिसम्बर 2016 से जून 2017 तक की राषि तत्काल अध्यापकों के प्रान खाते में जमा कराई जाये।  

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