BANK में अब कुछ भी फ्री नहीं, पैसा जमा करने पर भी शुल्क लगेगा | BUSINESS NEWS

Bhopal Samachar
मुंबई। नोटबंदी के बाद बैंक खाताधारकों के लिए और भी ज्यादा मुश्किल होते जा रहे हैं। 20 जनवरी से बैंकों की हर सेवा पर शुल्क (SERVICE CHARGE) लग जाएगा। यहां तक कि यदि आप पैसा जमा (DEPOSIT) कराते हैं तब भी बैंक ना केवल आपसे FEES लेगा बल्कि उस पर GST भी लगेगा। बस केवल बैंकी ब्रांच में प्रवेश नि:शुल्क रह जाएगा। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि कुछ सुविधाओं के लिए शुल्क की समीक्षा होगी। इन सुविधाओं में पैसा निकालने, जमा करने, मोबाइल नंबर बदलवाने, केवाईसी, पता बदलवाने, नेट बैंकिंग और चेक बुक के लिए आवेदन करने जैसी सुविधाएं शामिल हैं। जिस शाखा में आपका खाता है, उससे इतर किसी दूसरी शाखा में जाकर बैंकिंग सेवा लेने पर भी अलग से शुल्क लिया जाएगा। शुल्क पर 18 फीसद का जीएसटी भी लगेगा। यह शुल्क आपके खाते से काट लिया जाएगा।

बैंक ऑफ इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस तरह के कदम की पुष्टि की है। अधिकारी का कहना है कि नए शुल्कों को लेकर आंतरिक आदेश मिल चुके हैं। नाम नहीं बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा, 'हम रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों का पालन करते हैं। नियमों के अनुसार संबंधित बैंक का बोर्ड सभी मानकों को जांचकर सेवाओं पर लगाए जाने वाले शुल्क का फैसला लेता है। बोर्ड से मुहर लगने के बाद ही इसे अंतिम रूप दिया जाता है।'

इस कदम से देशभर के खाताधारक प्रभावित होंगे। हालांकि बैंकरों ने इस कदम को सही बताया है। उनका कहना है कि खाताधारक अगर अपनी होम ब्रांच के अतिरिक्त किसी अन्य ब्रांच से बैंकिंग सेवाएं लेता है तो शुल्क लगना चाहिए।

एक अन्य अधिकारी ने कहा, 'इस कदम से ऑनलाइन बैंकिंग को बढ़ावा मिलेगा। समय के साथ-साथ चेक और डिमांड ड्राफ्ट भी अप्रासंगिक हो जाएंगे।' एटीएम और क्यॉस्क मशीनों से पासबुक अपडेशन और पैसों का लेनदेन अब भी निशुल्क किया जा सकेगा।

जानकारों ने की कदम की निंदा
कानून और कर क्षेत्र के जानकारों ने इस कदम की निंदा की है। उनका कहना है कि बैंक एकतरफा तरीके से ऐसा फैसला ले रहे हैं, जिससे आम लोगों पर बुरा असर पड़ेगा। जनता पहले ही भारी भरकम करों, कम ब्याज दरों और बढ़ती कीमतों से परेशान है।

अधिवक्ता उदय वरुंजिकर ने कहा कि अब बैंक फायदा कमाने वाले संस्थान बनते जा रहे हैं। बैंकों ने निजी साहूकारों जैसा व्यवहार शुरू कर दिया है, इसलिए उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा होनी चाहिए। रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों में संशोधन के बिना बैंक इस तरह खाते से शुल्क के रूप में पैसा काटने जैसे नियम नहीं बना सकते।

सेवाकर से जुड़े पूर्व प्रमुख आयुक्त सुशील सोलंकी ने विभिन्न शुल्क पर जीएसटी लगाने का समर्थन किया। हालांकि उन्होंने मुख्य शाखा से इतर किसी शाखा से बैंकिंग सेवा लेने पर शुल्क लेने को गलत ठहराया। उन्होंने इसे ब्लैकमेलिंग की संज्ञा दी। वाचडॉग फाउंडेशन से जुड़े अधिवक्ता गॉडफ्रे पेमिंटा ने कहा कि बिना बताए खाते से शुल्क के रूप में पैसा काट लेना, एक बड़ी लूट से जनता को अंधेरे में रखने जैसा है।
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