दक्षिण में तूफान के बाद उत्तर भारत में भूकंप! | EARTHQUAKE NORTH INDIA

Bhopal Samachar
नई दिल्ली। दक्षिण भारत में तूफान की तबाही के बाद अब उत्तरभारत में भूकंप के झटके दर्ज किए गए। भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में था। रिक्टर पैमाने पर उसकी तीव्रता 5.5 थी। दिल्ली-एनसीआर और उत्तराखंड के अलावा हिमाचल, यूपी, हरियाणा और पंजाब में भी झटके महसूस किए गए। दिल्ली में करीब 10 सेकंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। बता दें कि खतरा अभी टला नहीं है। लोगों में दहशत है, वो अपने घरों के बाहर आ गए हैं। 

कब आया भूकंप?
भूकंप बुधवार रात 8 बजकर 49 मिनट पर आया। इसका केंद्र उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में जमीन से 30 किमी नीचे था। माैसम विभाग के मुताबिक, यह मॉडरेट इंटेंसिटी का भूकंप था। इससे पहले यूरोपियन मैडिटैरियन सीज्मोलॉजिकल सेंटर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के देहरादून से 121 किमी दूर पूर्व में था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5 थी।

कहां-कहां आया भूकंप?
भूकंप का केंद्र रुद्रप्रयाग में था। झटके रुद्रप्रयाद के अलावा देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, चमोली, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग, टिहरी, रामनगर में झटके महसूस किए गए। यूपी में मेरठ, मथुरा और सहारनपुर में भी झटके महसूस किए गए। चंडीगढ़ में भी झटके महसूस किए गए।

क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं जो लगातार घूम रही हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

भारत और आसपास के देशों में भूकंप आने की क्या है वजह?
हिमालयन बेल्ट की फॉल्ट लाइन के कारण एशियाई इलाके में ज्यादा भूकंप आते हैं। इसी बेल्ट में हिंदूकुश रीजन भी आता है। 2015 के अप्रैल-मई में नेपाल में आए भूकंप के कारण करीब 8 हजार लोगों की मौत हुई थी।

हिमालय कुछ सेंटीमीटर की दर से उत्तर में खिसक रहा है
हिमालयन फॉल्ट लाइन पर भारत सरकार की मदद से अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक स्टडी की थी। यह स्टडी यूएस जर्नल लिथोस्फीयर और जेजीआर में छपी थी। इस स्टडी को लीड कर चुके जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च के सी.पी. राजेंद्रन के मुताबिक, हिमालय 700 साल पुरानी फॉल्ट लाइन पर मौजूद है। यह फॉल्ट लाइन ऐसे मुहाने पर पहुंच चुकी है, जिसकी वजह से कभी भी वहां ऐसा भूकंप आ सकता है जो पिछले 500 साल में नहीं देखा गया हो।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289
Tags

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!