भोपाल। कोलारस विधानसभा उपचुनाव के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया था कि यदि बिजली का बिल गलत आए तो मत भरना। बिजली कंपनी शिविर लगाकर आपके बिल दुरुस्त करेगी परंतु हरदा में कुछ और ही हो गया। मात्र 9111 रुपए बकाया बिल के लिए बिजली कंपनी के अधिकारियों ने किसान को इस कदर धमकाया कि डर के कारण उसे कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने अब तक जिम्मेदार बिजली कंपनी अधिकारी के खिलाफ आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरणा का मामला दर्ज नहीं किया है। प्रशासन खबर का खंडन नहीं कर पा रहा है क्योंकि पूरा गांव एक सुर में कह रहा है कि वो बहुत ही निर्धन किसान था।
जिले के ग्राम अबगांवकला में रहने वाले 60 वर्षीय किसान दिनेश पांडे ने कुएं में कूदकर आत्महत्या की। किसान रविवार शाम से घर से लापता था और सोमवार सुबह स्थानीय नेता के खेत में बने कुएं में उसकी डेडबॉडी निकाली गई। बताया जा रहा है कि मृतक किसान के पास ढाई एकड़ जमीन थी। किसान पर बिजली बिल का 9111 रुपए बकाया था। दो दिन पहले ही उसे कोर्ट का नोटिस मिला था। राशि की वसूली के लिए 12 दिसंबर को लोक अदालत में उसकी पेशी थी। इसी बात को लेकर वह काफी परेशान था। मृतक किसान के बेटे ने बताया कि फसल खराब होने की वजह से पिता काफी परेशानी के दौर से गुजर रहे थे। आर्थिक संकट के चलते वह खुद भी किराने की दुकान पर काम करता है।
अफसर बना रहे थे दबाव
वहीं, मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने बिजली विभाग पर बकाया राशि के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है। गांव के उपसरपंच ने बताया कि मृतक किसान की माली हालत ठीक नहीं थी। फसल नहीं होने से पहले से ही किसान परेशान थे और अब बकाया बिल के लिए बिजली विभाग के अफसर भी दबाव डाल रहे हैं। किसान की खुदकुशी से जुड़ा मामला होने की वजह से कोई भी अफसर इस पर खुलकर बात करने के लिए राजी नहीं है। वहीं, पुलिस ने केस दर्ज कर डेड बॉडी पोस्टमार्टम के लिए भेज दी है।