
मध्यप्रदेश के राजगढ़ में भावांतर भुगतान योजना की हकीकत जानने के लिए शुक्रवार को वरिष्ठ IAS राधेश्याम जुलानिया खुजनेर मंड़ी का निरीक्षण करने पहुंचे तो किसानों ने अपनी समस्याएं रखी। जुलानिया से चाटक्या के किसान किशोर नागर ने कहा कि साहब, सोयाबीन का भाव कम मिल रहा है। व्यापारी पिछले साल के मुकाबले बहुत कम भाव दे रहे हैं। तो IAS राधेश्याम जुलानिया भड़क गए और किसान से कहा कि भावांतर योजना के तहत अंतर की राशि सरकार दे रही है। इसके बाद भी यदि तुम्हें भाव कम लग रहे हैं तो मनरेगा में मजदूरी कर लो या सरपंच का चुनाव लड़ लो, उसमें ज्यादा कमाई है जुलानिया की दो टूक बात सुनकर किसान चुप रह गए।
मंडी में समस्या सुनने के दौरान जुलानिया ने एक किसान से पूछ लिया कि आपके कितने बेटे हैं, पढ़ते हैं या नहीं। किसान ने बताया एक है, लेकिन पढ़ता नहीं है, खेती करता है। इस पर जुलानिया ने कहा कि हमारे माता-पिता ने हमें पढ़ाया-लिखाया तो आज हम कहां हैं। यह सुनकर किसान बेझिझक होकर बोला, साहब आप तो किस्मत से हो।