
पीड़िता ने भी इस मामले में बयान दिया है। पीड़िता का कहना है कि डॉक्टर को यदि अंग्रेजी नहीं आती तो उन्हें हिंदी में रिपोर्ट देना थी। उनको इतनी तो समझ रखना चाहिए कि वे क्या लिख रहे हैं और उसका केस में क्या असर होगा। यदि डॉक्टरों की यह गलती समय रहते पकड़ में नहीं आती और उसमें सुधार नहीं किया जाता तो आरोपियों को इसका फायदा मिल सकता था। डॉक्टरों ने पहली मेडिकल रिपोर्ट में लिखा था कि संबंध सहमति से बनाए गए, जिसके बाद दूसरी रिपोर्ट में उन्होंने इसे गैंगरेप लिखा।
महिला आयोग एसपी पर नाराज, डॉक्टरों पर चुप
राज्य महिला आयोग ने भी भोपाल गैंगरेप मामले में असंवेदनशीलता का परिचय दिया है। घटना को एक सप्ताह बीत जाने के बाद अध्यक्ष लता वानखेड़े ने रेलवे एसपी अनीता मालवीय के विरुद्ध प्रकरण दर्ज करने के लिए तो चिट्ठी लिखी है परंतु गलत रिपोर्ट बनाने वाली महिला डॉक्टरों के बारे में एक शब्द भी नहीं लिखा।