पद्मावती विवाद में भाजपा के क्षत्रिय नेता चुप क्यों हैं: कांग्रेस | AICC

भोपाल। मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह सरकार ने फिल्म पद्मावती के प्रदर्शन पर प्रतिबंध का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह भाजपा का षडयंत्र है। वो गुजरात में राजपूतों के वोट हासिल करने के लिए यह कार्रवाई कर रही है। कांग्रेस ने सवाल किया है कि सत्ता में रहते हुए फिल्म का विरोध करने वाली भाजपा के क्षत्रिय नेता इस मामले में चुप क्यों है। राजनाथ सिंह और नरेंद्र सिंह तोमर जैसे नेताओं ने कोई बयान क्यों नहीं दिया। 

प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने कहा कि इस प्रायोजित षड्यंत्र के प्रमुख नायक के रूप में जहां उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी श्री आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री गिरिराजसिंह के चेहरे सामने आये हैं, तब राजपूत नेता केंद्रीय मंत्रीगण श्री राजनाथसिंह व नरेन्द्रसिंह तोमर, पूरी तरह खामोशी की मुद्रा में हैं। जबकि फिल्म सेन्सर बोर्ड जिसके नियंत्रण में है, व केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी हैं, जिन्होंने श्री करण जौहर को यह विश्वास दे डाला है कि ‘पद्मावती’ के रिलीज को लेकर कोई परेशानी नहीं आयेगी, सरकार इसका ध्यान रखेगी? 

इसका क्या अर्थ निकाला जाये। यही नहीं चर्चाएं तो इस बात की भी हैं कि इस फिल्म में अंबानी के पैसों का निवेश शामिल है, ऐसी स्थितियों में इस फिल्म को रिलीज किये जाने को लेकर भाजपाई चरित्र समझ से परे हैं। श्री मिश्रा ने कहा कि यह सब प्रायोजित नौटंकी सिर्फ और सिर्फ गुजरात चुनाव को दृष्टिगत रख वोटों के धुव्रीकरण को लेकर की जा रही है। क्योंकि भाजपा ने विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे अहम् मुद्दों से परे बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान सुभाषचंद्र बोस, बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान दादरी मुद्दा, उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान गौमांस, श्मशान, कब्रिस्तान जैसे मुद्दे उठाकर वोटों का धुव्रीकरण कर अपनी राजनैतिक ताकत में इजाफा करने का षड्यंत्र किया था और अब ऐसे ही षड्यंत्र के माध्यम से अगले माह होने जा रहे गुजरात विधानसभा चुनाव में वोटों का धुव्रीकरण करने का भाजपाई विचारधारा द्वारा षड्यंत्र किया जा रहा है। 

अजूबा तो इस बात का है कि जिस विचारधारा की केंद्र में सरकार है, उसी के मंत्री इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं, जिस केंद्रीय सरकार के ही मंत्री अपनी ही सरकार से इस विषयक मांग कर रहे हैं, उसी सरकार के नियंत्रण में कार्य कर रहे फिल्म सेन्सर बोर्ड को ही इस पर निर्णय लेना है, जिसकी मुख्यिा केंद्रीय मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी फिल्म के रिलीज होने पर परेशानी नहीं आने का फिल्म निर्माता को आश्वासन दे रही हैं और फिल्म में निवेश भी किसका हुआ, यह सभी बिन्दु अनुसंधान और अजीबो-गरीब भाजपाई चरित्र के परिचायक हैं?

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