
महिलाओं के लिए गाँव, कस्बे और शहर में बनाएं वसति-गृह
श्रीमती वानखेड़े ने महिला एवं बाल विकास विभाग को कामकाजी महिलाओं के ठहरने के लिए त्रि-स्तरीय वसति-गृह बनाने की भी अनुशंसा की। श्रीमती वानखेड़े ने कहा कि महिलाएँ कई बार अपने गाँव, शहर से अन्य जगह पर कामकाज के सिलसिले में जाती हैं, जहाँ उनके ठहरने की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने ट्रेफिकिंग और महिला शोषण रोकने के लिए ब्यूटी पार्लर का अनिवार्यत रजिस्ट्रेशन और विदेशी प्रशिक्षकों पर नजर रखने की भी अनुशंसा की। उन्होंने कहा कि इनमें काम करने वालों का पुलिस वेरिफिकेशन भी हो। आयोग ने अनुसूचित जाति-जनजाति कन्या छात्रावासों में अधीक्षक की मनमानी रोकने के लिए उनका तीन साल में स्थानांतरण अनिवार्य करने और सुरक्षा के लिए महिला होमगार्ड की नियुक्ति की भी अनुशंसा की।
सभी आँगनबाड़ी केन्द्रों में हो विद्युत व्यवस्था
श्रीमती वानखेड़े ने कहा कि आँगनबाड़ी कार्यकर्ता शासकीय योजनाओं को धरातल पर उतारने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। बच्चों और इनके लिए प्रत्येक केन्द्र में विद्युत व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। श्रीमती वानखेड़े ने खाद्य विभाग से ग्राम पंचायतों के गाँव में राशन वितरित करने का अलग-अलग दिन सुनिश्चित करने की अनुशंसा की ताकि ग्रामीणों को राशन और ज्वलनशील मिट्टी का तेल लेकर अधिक दूर न जाना पड़े।
आयोग ने विधि विभाग से निर्धन महिलाओं को नि:शुल्क विधिक सहायता सुनिश्चित करने की अनुशंसा की। आयोग ने कहा कि अधिक से अधिक विधिक साक्षरता शिविर लगाकर लोगों को जागरूक करें। महिला आयोग की संयुक्त बैंच में विधि अधिकारियों की उपस्थिति हो ताकि वे जरूरतमंद महिलाएँ उनका नि:शुल्क लाभ उठा सकें।