पक्षपातपूर्ण फैसला सुनाने वाले भिंड कलेक्टर पर 5000 का हर्जाना

ग्वालियर। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने भिंड कलेक्टर पर 5 हजार का हर्जाना यह कहते हुए लगा दिया कि उन्होंने बिना तथ्यों को परखे आदेश पारित किया है और नियम विरुद्ध बंदूक का लाइसेंस निरस्त किया है। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को फिर से बंदूक का लाइसेंस देने का आदेश दिया है। उदयपाल सिंह पर वर्ष 1988 में धारा 325 के तहत केस दर्ज हुआ था। इस केस में फरियादी से राजीनामे के बाद केस खत्म हो गया। वर्ष 2003 में उदयपाल ने बंदूक के लाइसेंस के लिए आवेदन किया। उसे बंदूक का लाइसेंस दे दिया। इसके बाद वर्ष 2012 में भिंड कलेक्टर ने लाइसेंस यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि आपराधिक रिकार्ड है। इसलिए लाइसेंस के हकदार नहीं है।

चंबल संभाग के आयुक्त ने भी उसकी अपील को खारिज कर दिया। इसके बाद वर्ष 2014 में उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीपेन्द्र सिंह कुशवाह ने तर्क दिया कि 1988 में जो केस दर्ज हुआ था, वह खत्म हो चुका है। बंदूक लाइसेंस आवेदन के वक्त थाना, एसडीओपी व एसपी की रिपोर्ट लगी थी।

उसमें कहीं भी आपराधिक रिकार्ड होने का जिक्र नहीं है, लेकिन कलेक्टर ने द्वेषपूर्ण कार्रवाई की है। शासन की ओर से तर्क दिया कि याचिकाकर्ता पर आपराधिक मामला दर्ज था, इसलिए कलेक्टर ने लाइसेंस निरस्त किया है। नियमों के तहत कार्रवाई की गई है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद भिंड कलेक्टर पर 5 हजार का हर्जाना लगा दिया। पुन: लाइसेंस दिए जाने का आदेश दिया है।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!