
उन्होने कहा कि संविदा शिक्षकों की भर्ती हो जाने से प्रदेश के लगभग 80 हजार अतिथि शिक्षक पूर्णतः बेरोजगार हो जायेगे एवं उनके सामने परिवार का भरण पोषण करने व रोजी रोटी का संकट खड़ा हो जायेगा। उन्होने कहा कि अतिथि शिक्षको के हित व सम्मान के लिए संपूर्ण मप्र की समस्त 230 विधानसभा क्षेत्रो में शिक्षा की गुणवक्ता एवं स्वर्णिम मध्यप्रदेश विषय पर विधानसभा स्तरीय अटल सम्मेलन भी 02 अक्टूबर से प्रदेश की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में आयोजित किये जायेगे।
उन्होने मांग दोहराई कि विद्यालयों में रिक्त पदो पर कार्यरत अनुभवी अतिथि शिक्षको को आगामी भर्ती के पहले संविदा शिक्षक बनाया जाना चाहिए। बैठक में बंडा व शाहगड़ ब्लॉक के शासकीय स्कूलों में उत्कृष्ट शैक्षणिक कार्य करने वाले अतिथि शिक्षको की जानकारी संकलित की गई। इस अवसर पर प्रदेश सचिव मनोहर रैकवार, दमोह लोकसभा अध्यक्ष विनय जैन, विधानसभा अध्यक्ष कल्याण सिह मगरधा, संजय श्रीवास्तव, अनिल शास्त्री, देवेन्द्र विचपुरी, अनिल रेजा आदि मौजूद थे।