
तुला राशि में गुरु का प्रभाव
तुला राशि शुक्र की राशि है है शुक्र से स्त्री जगत माया, फैशन तथा समस्त श्रॄंगार के विषय में विचार किया जाता है। ऐसा लगता है। गुरु का भ्रमण नारी जगत से जुड़े सभी व्यवसाय के लिये अच्छा नही रहेगा, तत्सम्बंधि कार्यों में शासकीय कर की वृद्धि होगी।
स्त्री का धर्मगुरुओं से ऐतिहासिक टकराव होगा
शुक्र की राशि में गुरु का भ्रमण स्त्री जाती तथा विभिन्न समाज के धर्मगुरुओं से होने वाले टकराव का संकेत दे रहा है विशेषकर इस्लामिक समाज में कोई नई क्रांति हो सकती है।
कन्या के गुरु ने व्यापार की दुर्गति की
कन्या राशि व्यापार की राशि है वाणिज्य गणना, शेयर बाजार तथा सभी प्रकार के बाज़ारों की बेन्ड इस कन्या के गुरु ने बजाई क्योंकि गुरु कन्या राशि में विद्यमान थे। शिक्षा से जुड़े लोगों की भी अच्छी मरम्मत इस गुरु ने की अब तुला राशि का नम्बर आने वाला है।
इन राशियों को होगा लाभ
मेष, मिथुन तथा कुम्भ राशि वालों को तुला का गुरु मान सम्मान तथा आर्थिक वृद्धि देगा। इस राशि वालों को यदि गुरु की दशा हो तथा जन्म का गुरु भी मिथुन, तुला या सिंह राशि का जन्मकुंडली में विद्यमान हो तो आप व्यापारिक क्षेत्र में नई योजनाओं की शुरुआत कर सकते है आने वाला एक वर्ष आपके व्यापार को नई गति देगा।
शुक्र प्रधान राशि के लिये हानि कारक योग
शुक्र प्रधान राशियों वृषभ और तुला राशि के लिये यह वर्ष हानि कारक रहेगा। तुला राशि वालों को अपने स्वास्थय खासकर उदर रोग, पैरों के रोग तथा आर्थिक, कानूनी समस्या का सामना करना पड़ेगा।
गुरु के शुभ फल के लिये क्या करें
तुला तथा वृषभ राशि वाले जातक को गुरु ग्रह के वैदिक मंत्रों द्वारा ग्रह शांति कराना चाहिये गुरु का दान धार्मिक ग्रंथ, भोजन आदि ब्राह्मण को करवाना चाहिये।
प.चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"
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