
विश्वविद्यालय के नये 50 एकड़ के कैंपस में दो एकड़ में गौशाला भी बनाई जा रही है, जिसमें अगले शिक्षण सत्र पत्रकारिता के छात्र कैंपस में ही गौशाला मैनेजमेंट से रूबरू होंगे। कहा जा रहा है कि इस गौशाला से छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थियों को दूध, मक्खन औऱ घी मिलेगा। साथ ही गाय के गोबर से बायो गैस भी बनाई जायेगी जो हॉस्टल में ईंधन के काम आयेगी।
विश्वविद्यालय के कुलपति बी के कुठियाला के मुताबिक बरसाती नाले से जुड़ी ज़मीन में ये गौशाला बन रही है। इस ज़मीन पर औऱ कोई निर्माण मुमकिन नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां पर गौशाला बनाएंगे और उसको आऊटसोर्स करेंगे। जो गाय का दूध होगा वो हमारे ढाई सौ हॉस्टलर्स पिएंगे। मक्खन औऱ घी भी मिलेगा। साथ ही वहां बायो गैस प्लांट बनायेंगे। जो लड़के लड़िकयों की हॉस्टल के लिये ईंधन देगा। बाकी बची भूमि में ऑर्गेनिक फार्मिंग कर सब्जियाँ उगायेंगे, जो हास्टल को मिलेगीं। दूध और गैस अगर ज्यादा हुई तो वहाँ रहने वाले कर्मचारियों को भी देंगे।