
मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके पर एसएसपी आनंद कुलकर्णी खुद मौके पर पहुंचे। फॉरेंसिक टीम को मौके से खून से सना चाकू, लोहे की रॉड और ईंट मिली है। मौके पर 3 से ज्यादा लोगों के फिंगरप्रिंट मिले हैं। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि कातिलों की संख्या 3 से ज्यादा रही होगी। मर्डर रात 12 से 4 बजे के बीच हुआ है। सीओ सोरांव डीपी शुक्ला ने बताया, "दोनों का बड़ी बेरहमी के साथ गला काटा गया है। पूरे शरीर पर कई प्रहार किए गए हैं।
क्या कहते हैं मृतक के बड़े भाई
जितेंद्र के बड़े भाई बनवारी लाल ने बताया, "मामला राजनीतिक रंजिश का हो सकता है, क्योंकि जितेंद्र और उसकी पत्नी संतोषी की किसी से भी व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी। संतोषी वर्मा सोशल वर्कर के रूप में बहुत सक्रिय थी, जिसकी वजह से कई राजनीतिक तबके से जुड़े लोग उससे अंदरुनी खुन्नस रखते थे।
जीतेन्द्र कुमार पटेल (42) संविदा पर विद्युत कर्मचारी था। साथ में खेती-किसानी भी करता था। उसकी पत्नी संतोषी वर्मा (38) अपना दल (एस) से -गांव के ही वार्ड नंबर 5 से वर्तमान क्षेत्र पंचायत सदस्य थी। अनुप्रिया गुट के अपना दल की मंडल अध्यक्ष भी थी।
रेप की पुष्टि नहीं, वैजाइनल स्वाव और स्मीयर प्रिजर्व
दो डॉक्टरों के पैनल ने उसके शव का वीडियोग्राफी के मध्य पोस्टमॉर्टम किया। चेहरे, गले और सिर पर दोनों के एक दर्जन से ज्यादा घाव मिले हैं। शरीर के अन्य हिस्से पर भी चोट के निशान थे। संतोषी वर्मा के साथ रेप की पुष्टि नहीं हो सकी है। उसका वैजाइनल स्वाव और स्मीयर को पोस्टमॉर्टम करने वाली टीम ने प्रिजर्व किया है।
क्या कहती हैं पुलिस अधिकारी
इंस्पेक्टर सोरांव संतोष शर्मा ने बताया, अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ है। कातिलों के बारे में अभी कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है। एक जमीन का विवाद जरूर सामने आया है, लेकिन उसका समझौता हो गया था। बाकी हत्या के पीछे की क्या कहानी है, ये जांच के बाद ही स्पष्ट होगा।