जीवाजी विश्वविद्यालय: प्रदर्शनकारियों को फंडिंग कर रहे हैं प्रोफेसर्स

सर्वेश त्यागी/ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में पिछले कुछ दिनों में हुए विरोध प्रदर्शन के बीच एक नया खुलासा हुआ है। सूत्रों का दावा है कि इनमें से कुछ विरोध प्रदर्शन प्रायोजित थे। इसके लिए कुछ विशेष प्रोफेसर्स की ओर से फंडिंग की गई थी ताकि विरोध प्रदर्शन में ज्यादा से ज्यादा संख्या दिखाई दे और तनाव पैदा हो। दरअसल, यहां कुलपति पद की रेस चल रही है। इसी राजनीति के चलते छात्रनेताओं को खरीद कर प्रदर्शन करवाए जा रहे हैं। 

कुलिपति पद के लिए सभी उमीदवार अपने तरफ जोरआजमाइश में लगे हुए इसके लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। सूत्रों से पता चला है कि कुछ दिनों में छात्र संगठनों के द्वारा किये जा रहे धरना प्रदर्शन और विरोध प्रदर्शन भी इसका एक पहलू है। हर उम्मीदवार प्रोफेसर अपने चहेते छात्र संगठन से विश्वविद्यालय परिसर में या कुलिपति के समक्ष विरोध प्रदर्शन कर रहे है। इसके छात्र नेताओ को फंडिंग की जा रही है, जिससे बड़ी संख्या में प्रदर्शन किए जा सकें।

कुलिपति पद के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि भले निकल गई हो, लेक़िन पद को हासिल करने के लिए जेयू प्रोफेसरों कई खेमों बंट गए है। उनकी कोशिश है कि किसी तरह जल्द जल्द से सीट को खाली कराकर वे आसीन हो जाये इसीलिए कुछ लोंगो ने बाकायदा प्लानिंग से जेयू में धरना प्रदर्शन भी शुरू करा दिया है।

जेयू से कुलिपति पद के लिए आवेदन करने वाले प्रोफेसरों की संख्या 22 के पार हो गई है। इनमे 12 से 14 नाम तो ऐसे हैं, जिनका आवेदन कुलिपति सचिवालय ना होते हुए कुलसचिव कार्यालय से फारवर्ड हुआ है। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जेयू में कुलपति पद के लिए कितना अंदरुनी घमासान मचा हुआ है। इसके लिए प्रोफेसरों एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए राजभवन में शिकायत भेजी जा रही है। राजभवन कार्यालय के अनुसार जेयू में कुलिपति बनने के लिए पूरे देश से करीब 90 आवेदन आये हैं। जल्द ही कुलिपति चयन के लिए कमेटी बनाई जाएगी।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !