रक्षाबंधन 2017: भाई को विनाश से बचाना है तो शुभ मुहूर्त में ही राखी बांधें

वैसे तो रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण पूर्णिमा से जन्माष्टमी तक मनाया जाता है। बहनें भाई के घर जाकर राखी बांधती रहती हैं लेकिन इस वर्ष रक्षाबंधन का त्यौहार भद्रा तथा खंडग्रास चंद्रग्रहण के कारण मात्र 3 घंटे के शुभ मुहूर्त में ही मनाया जायेगा। इसके पहले भद्राकाल रहेगा और इसके बाद सूतक शुरू हो जाएगा। भद्राकाल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। शास्त्रों में लिखा है कि रावण की बहन ने भद्राकाल में रक्षाबंधन किया था। इसी के कारण उसका सर्वनाश हो गया। इसलिए बहुत अनिवार्य है कि मुहूर्त का ध्यान रखा जाए। 

रक्षाबंधन का त्योहार तथा भद्रा
भद्राकाल मॆ राखी बाँधना अशुभ माना जाता है। इस वर्ष भद्रा काल 6 अगस्त रात्रि 10 बजे से 7 अगस्त सुबह 10:40 तक रहेगा। इस समयावधि मॆ राखी बाँधना अशुभ माना जाता है। कहते हैं रावण की बहन ने भद्रा काल मॆ ही उसे राखी बाँधी थी जिससे रावण का नाश हुआ।

क्या है भद्रा
भद्रा सूर्यदेव की पुत्री तथा शनिदेव की बहन हैं। शनिदेव की बहन होने के कारण उनका स्वभाव भी शनि जैसा है। इसी कारण ब्रम्हाजी ने पंचांग मॆ उन्हे विष्टीकरण मॆ स्थान दिया है। कोई भी समझदार व्यक्ति भद्राकाल मॆ कोई शुभ कार्य नही करता लेकिन तंत्र मंत्र अदालती, राज़नीति और चुनाव के कार्यों के लिये भद्रा शुभ मानी जाती है।

खंडग्रास चंद्रग्रहण
इस वर्ष श्रावण पूर्णिमा को खंडग्रास चंद्रग्रहण है जिसका सूतक दोपहर 1:53 से लग जायेगा अर्थात आल कोई भी मांगलिक कार्य नही कर सकते है।

शुभ मुहूर्त
इस वर्ष श्रावण पूर्णिमा सूर्योदय से पूर्व प्रारम्भ होकर रात्रि 11:41 मिनिट तक रहेगी। 7 अगस्त को भद्राकाल सुबह मॆ 10:39 तक है तथा सूतक दोपहर 1:52 से प्रारम्भ होगा अर्थात राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 10:40 से दोपहर 1:50 तक रहेगा। सभी भाई बहन इस समय को नोट करलें तथा शास्त्रौक्त विधि से मुहूर्त के अनुसार राखी बाँधने का कार्य सम्पन्न करें। अशुभ मुहूर्त मॆ किया गय़ा कार्य लाभ की जगह हानि करता है अपने भाई बहन के प्रेम को अक्षुण्ण रखने के लिये शुभ मुहूर्त मॆ ही रक्षाबंधन का त्योहार सम्पन्न करे।
प.चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"
9893280184,7000460931
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