भारत की बेटियों ने पाकिस्तान को तीसरी बार धूल चटाई

नई दिल्ली। और इसके साथ ही भारत की महिला क्रिकेट टीम ने भारत की ही इंटरनेशनल पुरुष क्रिकेट टीम को पछाड़कर रख दिया है। जिस टीम को स्पांसर्स तक नहीं मिलते उसने आज लगातार तीसरी बार पाकिस्तान की क्रिकेट टीम को बड़े अंतर से हराया। अब से कुछ ही दिनों पहले आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के बहादुरों की टीम पाकिस्तान के हाथों हारकर लौटी है। भारत ने आईसीसी महिला विश्व कप के 11वें मैच में रविवार को अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को आसान मुकाबले में 95 रनों से हरा दिया। टूर्नामेंट में भारतीय टीम की यह लगातार तीसरी जीत है, जिसके साथ भारत अंकतालिका में शीर्ष पर पहुंच गई। इस मैच में गेंदबाजों का दबदबा रहा। पहले पाकिस्तानी गेंदबाजों ने भारत को खुलकर नहीं खेलने दिया और नौ विकेट पर 169 रनों पर ही रोक दिया। इसके बाद भारतीय गेंदबाजों का जलवा देखने को मिला और उन्होंने पाकिस्तान को 74 रनों पर ही समेटकर दमदार जीत हासिल की।

भारत की सबसे सफल गेंदबाज एकता बिष्ट रहीं। उन्होंने 10 ओवरों में दो मेडेन फेंकते हुए 18 रन देकर पांच विकेट लिए। मानषी जोशी ने दो विकेट चटकाए, जबकि झूलन गोस्वामी, दीप्ति शर्मा, और हरमनप्रती कौर को एक-एक सफलता मिली। पाकिस्तान को पहला झटका दूसरे ओवर में एक रन के कुल स्कोर पर लगा। यहां से जो विकेट गिरने की शुरुआत हुई वो रुकी नहीं और पाकिस्तान की पूरी टीम 38.1 ओवरों में ही पवेलियन लौट गई।

पाकिस्तान के लिए कप्तान सना मीर ने सर्वाधिक 29 रन बनाए। वह पाकिस्तान की तरफ से आउट होने वाली आखिरी बल्लेबाज रहीं। सलामी बल्लेबाज नाहिदा खान ने 23 रन बनाए। एक समय पाकिस्तान ने 51 रनों पर ही अपने नौ विकेट खो दिए थे, लेकिन सना ने 10वें विकेट के लिए सादिया यूसुफ (नाबाद 3) के साथ 23 रनों की साझेदारी करते हुए टीम को कम स्कोर पर समेटने से बचा लिया। हालांकि यह साझेदारी सिर्फ हार का अंतर कम करने में ही कामयाब हो पाई।

नाहिदा और सना के अलावा पाकिस्तान की कोई और बल्लेबाज दहाई तक भी नहीं पहुंच सकीं। चार बल्लेबाज शून्य पर पवेलियन लौटीं। इस जीत के साथ ही भारत ने सेमीफाइनल में अपनी दावेदारी को और मजबूत कर लिया है। इससे पहले, भारत की बल्लेबाज भी रनों के लिए संघर्ष करती हुई दिखीं। न स्टार सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना का बल्ला चला और न ही कप्तान मिताली राज का। नतीजा हुआ कि पूरी टीम निर्धारित 50 ओवरों में नौ विकेट खोकर 169 रन ही बना सकी।

ऐसा लग रहा था कि भारतीय महिलाएं पूरे ओवर नहीं खेल पाएंगी और टीम जल्द ही ऑल आउट हो जाएगी, लेकिन झूलन और सुषमा वर्मा ने अंत में अहम साझेदारी कर टीम का स्कोर 150 के पार पहुंचाने में मदद की। पूनम राउत ने भारत के लिए सबसे ज्यादा 47 रन बनाए। उनके अलावा दीप्ति (28), हरमनप्रीत कौर (10), सुषमा (33) और झूलन (14) ही दहाई के आंकड़े को छू सकीं।

भारत की शुरुआत खराब और बेहद धीमी रही। टीम का स्कोर जब सात रन था तभी चौथे ओवर की तीसरी गेंद पर शानदार फॉर्म में चल रही मंधाना (2) पवेलियन लौट गईं। पूनम और दीप्ति ने हालांकि विकेट पर अपने पैर जमाए रखे, लेकिन रनों की गति को बढ़ा नहीं सकीं।

दोनों ने 18.5 ओवरों में 3.55 की औसत से 67 रन जोड़े। अर्धशतक से तीन रन दूर पूनम को संधु ने अपना शिकार बनाया और यहां से भारत के विकेटों के गिरने की सिलसिला शुरू हुआ। कप्तान सिर्फ आठ रन ही बना सकीं। अंत में सुषमा और झूलन ने सातवें विकेट के लिए 34 रनों की साझेदारी कर टीम को इस स्कोर तक पहुंचाने में मदद की। मानशी जोशी चार रन और पूनम यादव छह रन बनाकर नाबाद लौटीं। पाकिस्तान की तरफ से नसरा संधू ने सर्वाधिक चार विकेट लिए। सादिया युसूफ को दो सफलता मिली। डायना बेग और असमाविया इकबाल के हिस्से एक-एक विकेट आया।

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