ना लाश बची थी ना सबूत, फिर भी 10 साल बाद खुल गया हत्या का राज

ना फरियादी था ना पुलिस, ना लाश बची थी और ना ही सबूत लेकिन कहते हैं कि हत्या का राज देर से ही सही लेकिन खुलता जरूर है। इस मामले में भी ऐसा ही हुआ। गुस्से में बौखलाई एक युवती ने अपने सौतेले पिता की उस हत्याकांड का राज खोल दिया जिसमें वो खुद भी शामिल थी। अब मृतक की अवैध पत्नि, उसका बेटा और बेटी सब सलाखों के पीछे हैं। पुलिस को हत्या के 10 साल बाद वो कंकाल भी मिल गया जो सफलतापूर्वक दफन कर दिया गया था। 

मामला मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ का है। एएसपी राकेश खाखा बताते हैं कि टीकमगढ़ के मऊचुंगी के पास बने हमीद खां के फार्म हाउस पर नौकरी करने वाला मृतक कैलाश यादव, पत्नी पार्वती और दो बच्चों के साथ रहता था। कैलाश जिसे अपनी पत्नी बनाकर लाया था, वह पहले से शादीशुदा थी और उसके दो बच्चे भी थे। बड़ा बच्चा अशोक सेन 16 साल का था और और उसकी बेटी रानी 14 साल की थी। कौलाश खुद उत्तर प्रदेश के कैलगुआ गांव का रहने वाला था। कैलाया शराब पीने का आदी था और पत्नी व दोनों सौतेले बच्चों के साथ आए दिन मारपीट करता था। 

घटना वाले दिन भी कैलाश ने आरोपी अशोक के साथ जमकर मारपीट की। पत्नी पार्वती ने ​विरोध किया, तो उसने उसे भी पीटा। तंग आकर अशोक ने कैलाश पर कुल्हाड़ी से हमला कर उसकी हत्या कर दी। मां-बेटे ने कैलाश के शव को फार्म हाउस के उसी कमरे में दफना दिया, जहां वह रहते थे। इसके बाद सभी ​ललितपुर जिले में स्थित अपने गांव वापस लौट गए।

दो दिन पहले दोनो भाई-बहन का किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ और गुस्से में बहन ने दस साल पुरानी वारदात को लेकर गांव के लोगोे के सामने भाई को धमकाया। ग्रामीणों ने इस बारे में पुलिस को सूचना दे दी। कोतवाली पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले की पूछताछ शुरू कर दी है।

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