BHOPAL की चौपाल में कमिश्नर नहीं आईं, महापौर का बहिष्कार

भोपाल। नगरनिगम में महापौर एवं प्रशासनिक मशीनरी के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। महापौर ने अधिकारियों पर कमीशनखोरी का आरोप लगाया था। अब अधिकारियों ने महापौर का बिना घोषणा वाला बहिष्कार शुरू कर दिया है। सोमवार को आयोजित हुई 'भोपाल की चौपाल' में एक भी अधिकारी उपस्थित नहीं था। यहां तक कि हर चौपाल में महापौर के साथ रहने वाली कमिश्नर छवि भारद्वाज भी नहीं आईं। इस बारे में जब महापौर आलोक शर्मा से पूछा गया तो वो नो कमेंट कहते हुए आगे बढ़ गए। 

हर बार की तरह इस सोमवार को भी महापौर आलोक शर्मा ने लोगों की समस्या सुनने के लिए चौपाल लगाई। लेकिन, निगम आयुक्त छवि भारद्वाज इस चौपाल में शामिल नहीं हुईं। चौपाल के वक्त मौके पर मौजूद मीडिया ने जब महापौर शर्मा से निगम कमिश्नर का चौपाल में नहीं आने का कारण पूछा तो उन्होंने 'नो कमेंट्स' कहकर बात टाल दी।

क्या है विवाद की जड़, क्यों नाराज है कमिश्नर 
शनिवार को हुई नगर निगम की बैठक में महापौर आलोक शर्मा ने BMC के अफसरों पर 5% कमिशन लेकर फाइलें आगे बढ़ाने का सार्वजनिक बयान देकर राजनीति गरमा दी है। उनके इस बयान से न सिर्फ निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज बल्कि निगम में काम कर रहे इंजीनियर्स भी नाराज हैं। बैठक के दौरान जिस वक्त महापौर ने यह आरोप लगाया था, निगम कमिश्नर बैठक छोड़कर अपने चैंबर में चली गई थी। उन्होंने कहा था कि, यदि महापौर के पास कमिशन लेने वाले अफसरों के संबंध में सबूत है तो उन्हें पहले मुझसे बात करनी थी।

अघोषित हड़ताल शुरू 
उधर, महापौर के बयान से नाराज इंजीनियर्स ने पहले खुला प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी परंतु बाद में इसे टालते हुए नई रणनीति बनाई। तय किया गया कि शाम 6 बजे के बाद मोबाइल बंद कर दिए जाएंगे। वे कार्यालयीन समय से ज्यादा दफ्तर में नहीं रुकेंगे और न ही उसके बाद फोन पर कार्यालयीन समस्याएं सुनेंगे। इसी रणनीति के तहत निगम के सभी अफसरों ने महापौर की महत्वाकांक्षी 'भोपाल की चौपाल' से दूरी बना ली। 
If you have any question, do a Google search

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!