बिजली कंपनी में ट्रांसफार्मर मैंटेनेंस घोटाला: VIVEK PORWAL IAS जांच की जद में

भोपाल। सरकार ने बिजली विभाग को भले ही कंपनियों में बांट दिया हो परंतु घोटाल आज भी सरकारी विभाग जैसे ही होते हैं। मध्यप्रदेश मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में ट्रांसफार्मर मैंटेनेंस घोटाला सामने आया है। लोकायुक्त ने प्राथमिक जांच के बाद मामला पंजीबद्ध कर लिया है इधर बिजनेस कमेटी के अध्यक्ष संजय शुक्ला ने टेंडर निरस्त कर दिए हैं। सारे मामले में कंपनी के तत्कालीन एमडी एवं आईएएस विवेक पोरवाल जांच की जद में आ गए हैं। 

मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के तत्कालीन एमडी विवेक पोरवाल ने चौदह अक्टूबर 2016 को खराब ट्रांसफार्मर सुधारने के लिए टेंडर बुलवाए थे। इन टेंडरों की जो शर्ते तय की गई थी वह प्रदेश के अन्य विद्युत कंपनियों से हटकर और राजस्थान की कंपनियों को यह काम दिए जाने के हिसाब से तय की गई थी। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी और पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के टेंडरों में आठ सौ और पांच सौ किलोमीटर दूरी तक ही ट्रांसफार्मर लाने और ले जाने के लिए भाड़ा दिए जाने का प्रावधान है जबकि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में यह सीमा एक हजार किलोमीटर रखी गई थी। वहीं अन्य सभी बिजली कंपनिंया ऐसी संस्थाओं को ट्रांसफार्मर सुधारने के लिए नहीं देती है जिनके द्वारा सुधारे गए खराब ट्रांसफार्मर पंद्रह प्रतिशत से अधिक फेल नहीं हुए है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में पोरवाल द्वारा बुलाए गए टेंडर में उन कंपनियों को भी मौका दिया गया था जिनके ट्रांसफार्मर 26.38 प्रतिशत तक खराब हो चुके है। 

टेंडर में इन कंपनियों को टेंडर अवधि समाप्त होंने के बाद भी दो साल तक इन्हीं शर्तो पर काम दिए जाने का प्रस्ताव था। इस पूरे मामले की शिकायत संजय तिवारी ने लोकायुक्त पुलिस को अप्रेल माह में की है। लोकायुक्त पुलिस ने इस पूरे मामले को जांच में ले लिया है। लोकायुक्त में मामला आने के बाद पावर मैनेजमेंट कंपनी के एमडी और टेंडर शर्तो को मान्य करने के लिए गठित बिजनेस कमेटी के अध्यक्ष संजय शुक्ला ने इस पूरे मामले में गड़बड़ियां पाने के बाद इस टेंडर को निरस्त कर दिया है।

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