सांप्रदायिक दंगे: देश की 5 नाकाम सरकारों में ​शिवराज सिंह सरकार भी

भोपाल। मध्यप्रदेश की गिनती उन राज्यों में हो रही है, जहां सांप्रदायिक दंगे सबसे ज्यादा हो रहे हैं। यह खुलासा गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में हुआ है। इसमें पिछले तीन साल में देशभर के राज्यों में हुई सांप्रदायिक हिंसा का विस्तृत ब्योरा दिया गया है। मालूम हो कि प्रदेश सरकार ने बजट में पहली बार सांप्रदायिक दंगों में पीड़ितों को सहायता राशि उपलब्ध करवाने के लिए अलग से एक करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में बढ़ते सांप्रदायिक दंगों और उसमें होने वाली जानमाल के नुकसान के बाद सरकार ने बजट में विशेष तौर से इसका प्रावधान किया है। हालांकि अभी यह तय होना बाकि है कि मुआवजा किस आधार पर और कितना होगा।

200 से ज्यादा मामले
बीते तीन साल में प्रदेश में सांप्रदायिक दंगों की घटनाओं में विशेष कमी भी नहीं आई है। मध्यप्रदेश में सांप्रदायिक दंगों के पिछले तीन साल में 205 मामले सामने आए। इन दंगों में 24 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, जबकि 535 लोग घायल हुए। दो साल पहले जितनी संख्या में दंगे प्रदेश में हुए उससे एक ज्यादा ही 2016 में हुए।

वर्ष 2016 में 57 मामले सामने आए थे। जबकि वर्ष 2015 में सबसे ज्यादा 92 घटनाएं घटित हुई थीं। इन आंकड़ों को पेश कर रही केंद्र की रिपोर्ट बताती है कि देश में उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, और राजस्थान ऐसे राज्य हैं, जहां सांप्रदायिक दंगे अधिक हुए हैं और इनमें कई लोगों की जानें गईं हैं, वहीं कई घायल हुए हैं।

इन राज्यों से आगे है प्रदेश
सांप्रदायिक हिंसा के मामलो में मप्र जिन प्रमुख राज्यों से आगे है उनमें गुजरात, दिल्ली, छत्तीसगढ़, पंजाब, केरल, जम्मू कश्मीर और असम शामिल है। बात उन राज्यों की करें, जहां सबसे ज्यादा ऐसी घटनाएं हुईं, उनमें उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, बिहार और मध्यप्रदेश हैं।

सीएम जता चुके हैं चिंता
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा के बढ़ते मामलों पर चिंता जाहिर कर चुके है। उन्होंने आईजी-एसपी कॉन्फ्रेंस में इन घटनाओं को रोकने के सख्त निर्देश दिए थे। हालांकि उसके बाद भी विदिशा में बड़ा दंगा हुआ।

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