भोपाल। चेक बाउंस का केस यदि न्यायालय में पहुंच जाए तो यह माना जाता है कि यह वादा खिलाफी है। सरकारी रिकॉर्ड बताते हैं कि इस तरह के सबसे ज्यादा मामले यूपी और बिहार में आते हैं लेकिन अब मप्र भी उनके समकक्ष होता जा रहा है। संसद में पेश वित्तमंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार अगस्त 2016 तक मप्र में 2 लाख 12 हजार 810 मामले सामने आए, जिसमें 71 करोड़ 61 लाख 58 हजार 536 रुपए के चेक बाउंस हुए।
मामले 20 हजार निपटे, 1106 केस
रिपोर्ट के अनुसार मप्र में चेक बाउंस के 20 हजार 900 मामले न्यायालयों में पहुंचे। इसमें से 1106 मामलों का निपटारा ही हो पाया, जिसमें लोगों व कंपनियों के फंसे 38 करोड़ 40 लाख 81 हजार 723 रुपए उन्हें मिल पाए। वहीं 1 लाख 91 हजार 910 मामले ऐसे थे जो मुकदमेबाजी के पहले सामने आए। जिसने बिना कोर्ट गए 28 हजार 395 मामलों में 33 करोड़ 20 लाख 76 हजार 804 रुपए का सेटलमेंट किया गया।
राशि के हिसाब से दिल्ली आगे
रिपोर्ट में जहां चेक बाउंस के मामले में मप्र की गिनती यूपी-बिहार के बाद है, तो चेक बाउंस में राशि के मामले में दिल्ली व गुजरात आगे हैं, जहां यह राशि अरबों रुपए में है। बहरहाल मप्र जिन राज्यों से चेक बाउंस के मामले में आगे है उनमें राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक व अन्य राज्य शामिल हैं।