भोपाल। पचमढ़ी में आयोजित शिवराज सरकार के प्रशिक्षण वर्ग में यूं तो कुछ भी नया नहीं है लेकिन संगठन की दरक रहीं दीवारों के निशान जरूर स्पष्ट दिखाई दिए। सत्ता और संगठन में तालमेल की बात तो दूर, सत्ता में मौजूद विधायकों और मंत्रियों के बीच ही तालमेल नहीं है। विधायकों ने खुलकर शिकायत की कि मंत्रीगण उन्हे सम्मान तक नहीं देते। मंत्रियों ने पलटवार किया कि आप विधानसभा में सरकार के खिलाफ सवाल क्यों लगाते हो।
मंगलवार को पर्यटन विकास निगम के होटल ग्लेन व्यू में प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन किया गया। विधायकों को दर्द इस दौरान निकलकर सामने आया। उन्होंने खुलकर कहा कि मंत्रीगण उनकी बातों पर ध्यान नहीं देते। सिफारिशों पर कोई तवज्जो नहीं दी जाती। यहां तक कि सार्वजनिक स्थलों पर भी विधायकों को सम्मान नहीं देते। ऐसा लगता है जैसे पूरी सरकार मंत्रियों की जेब में है। भाजपा के विधायकों का सत्ता में कोई वजूद ही नहीं है। अगली बार यदि विधायक ही नहीं बन पाएंगे तो सरकार कैसे बनाएंगे।
मंत्रियों का पलटवार
विधायकों के हमले पर वनमंत्री गौरीशंकर शेजवार एवं सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा सदन के भीतर भाजपा के विधायक अधिकारियों के निलंबन या तबादले के लिए दबाव बनाते हैं। यह उचित नहीं है। इसे बंद करना चाहिए। आर्य बोले लोग प्रश्न बनाकर घूमते रहते हैं। विधायकों को उनके झांसे में नहीं आना चाहिए। इंडायरेक्टली उन्होंने कहा कि भाजपा के विधायक खुद प्रश्न नहीं लगाते बल्कि कई बार किसी और व्यक्ति द्वारा उन्हे प्रश्न दिए जाते हैं।
विधायक दल की बैठक हो या विधानसभा का सत्र, विधायक कई बार सरकार को घेरते नजर आते हैं। विधायक आरडी प्रजापति, देवेंद्र वर्मा, ममता मीणा सहित कई विधायक अधिकारियों को हटाने को लेकर विस में अड़ तक चुके हैं। इसको लेकर सरकार के लिए सदन में न सिर्फ अप्रिय स्थिति पैदा हो जाती है, बल्कि विपक्ष को सरकार को घेरने का मौका मिल जाता है।
संगठन के निर्देश
प्रशिक्षण के दौरान संगठन महामंत्री सुहास भगत ने विधायकों को समझाइश दी कि कहां क्या बोल रहे हैं, इसका ध्यान रखें। ये भी देखें कि कहां और किसके साथ जा रहे हैं। कार्यकर्ताओं के साथ प्रमाणिकता दिखनी चाहिए। जब आप पदाधिकारी थे तब विधायकों के कार्यक्रम बनाते थे, अब उन्हें आपका कार्यक्रम बनाने दें। प्रशिक्षण में कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया और ललिता यादव सहित करीब 30 विधायक नहीं पहुंचे।
भरोसे के व्यक्ति को दें सोशल मीडिया का काम
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया में दायरा बढ़ाएं। देश में 35 लाख स्मार्ट फोन हैं। सोशल मीडिया के लिए ऐसा व्यक्ति रखें, जो आपके भरोसे का हो।