व्यापमं के एडमिशन निरस्त हो गए, लेकिन डीमेट का क्या, वो तो व्यापमं का भी बाप है

भोपाल। व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी जगह साल्वर भेज कर परीक्षाएं पास करने वाले 634 डॉक्टरों के एडमिशन रद्द कर दिए लेकिन डीमेट के माध्यम से प्राइवेट कॉलेजों में एडमिशन लेने वालों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जबकि शुरूआती जांच के दौरान पता चला था कि डीमेट तो पूरा का पूरा ही फर्जी था। इसके माध्यम से एडमिशन लेने वाले लगभग सभी छात्र फर्जी हैं। 

2015 तक निजी मेडिकल कॉलेजों में 42 फीसदी सीटें स्टेट कोटे की होती थीं। स्टेट कोटे की सीटों के लिए काउंसलिंग राज्य सरकार करती थी। निजी कॉलेजों में सीटें आवंटित होने के बाद छात्र कॉलेजों में जाकर दाखिला लेते थे। व्यापमं मामले के व्हिसिल ब्लोअर डॉ. आनंद राय ने 2013 में खुलासा किया कि निजी कॉलेजों ने स्टेट कोटे की ज्यादातर सीटें मैनेजमेंट कोटे से भर ली। इसके बदले 1 करोड़ रुपए प्रति सीट तक का लेनदेन हुआ। 

उन्होंने यह शिकायत डीजीपी, स्पेशल टास्क फोर्स और एएफआरसी से की। एएफआरसी ने जांच की तो शिकायत सही पाई गई। 2013 में 158 छात्रों के प्रवेश अवैध मिले। ये छात्र बिना पीएमटी दिए ही स्टेट कोटे की सीटों पर पढ़ रहे थे। सबसे ज्यादा छात्र इंदौर के इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में थे।

एएफआरसी ने छह प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों पर 13 करोड़ 10 लाख रुपए जुर्माना लगाया था। 2009 से 2013 के बीच 721 छात्रों के स्टेट कोटे की सीटों पर दाखिल होने की शिकायत हुई थी, लेकिन जुर्माना सिर्फ 158 सीटों पर ही लगा। उधर, एएफआरसी की अपील कमेटी के अध्यक्ष पीके दास ने इन छात्रों का दाखिला निरस्त करने के लिए भी कहा था, लेकिन कॉलेजों ने छात्रों का प्रवेश निरस्त नहीं किया। न ही प्रदेश सरकार ने इसके लिए पहल की।

सरकार की लापरवाही
स्टेट कोटे की सीटों में एडमिशन देने के बाद कभी यह पता नहीं किया कि छात्र कॉलेज में पढ़ रहा है या नहीं।
निजी कॉलेजों ने चिकित्सा शिक्षा संचालनालय को स्टेट कोटे की सीटें मैनेजमेंट से भरने की जानकारी नहीं दी, फिर सरकार ने जानकारी लेने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
पीएमटी घोटाला उजागर होने के बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर निजी कॉलेजों से जानकारी मांगी।

सीबीआई को जांच क्यों नहीं सौंप रहे सीएम
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसकी पूरी जांच सीबीआई को क्यों नहीं सौंप रहे हैं। प्राइवेट कॉलेजों को बचाया जा रहा है। मैंने इस मामले में निजी कॉलेजों पर एफआईआर दर्ज करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है।
डॉ. आनंद राय, व्हिसिल ब्लोअर, व्यापमं घोटाला

प्राइवेट को पहुंचा रहे फायदा
जून 2014 में अपील कमेटी के अध्यक्ष पीके दास ने साफ कहा था कि स्टेट कोटे की सीटों में मैनेजमेंट कोटे से होने वाले एडमिशन रद्द किए जाएं, लेकिन सरकार इस मामले में कुछ नहीं करना चाहती। 
पारस सखलेचा, पूर्व विधायक व व्यापमं मामले के एक्टिविस्ट

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