मप्र: जूनियर मैथ्स ओलिपिंयाड में 25 हजार बच्चों ने ओआरएम शीट भरी

जबलपुर। सरकारी मिडिल स्कूलों में पढ़ने वाले जो बच्चे परीक्षाओं के दौरान साधारण उत्तर पुस्तिकाओं में प्रश्नों के उत्तर लिखते थे। 7वीं-8वीं कक्षा के ऐसे करीब 25 हजार बच्चों ने रविवार को पहली बार जूनियर मैथ्स ओलिपिंयाड परीक्षा में ओएमआर (ऑप्टिकल मार्क रिकॉगनेशन) शीट भरी। 

प्रदेशभर में परीक्षा आयोजित कराने वाले राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान का दावा है कि ये पहला मौका है जब सरकारी स्कूलों के इतने छोटों बच्चों ने प्रतियोगी परीक्षा की तर्ज पर परीक्षा दी और एमआरओ शीट का इस्तेमाल किया है। क्योंकि इस तरह की प्रतियोगी परीक्षाएं सिर्फ सीबीएसई, निजी स्कूलों के बच्चे देते थे। सरकारी स्कूल के बच्चों को लिए ये पहला अनुभव है।

मैथ्स में दिलचस्पी पैदा करना मकसद
राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान के डायरेक्टर दिनेश अवस्थी व आयोजक डॉ.राजेश पाण्डे ने बताया कि सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए पहली बार जूनियर मैथ्स ओलिपिंयाड परीक्षा आयोजित करने का उद्देश्य यही है कि मैथ्स में कमजोर बच्चे में मैथ्स के प्रति दिलचस्पी बढ़े,नए तरीके से परीक्षा देने की समझ विकसित हो और आने वाले दिनों वे भी भाभा एटॉमिक रिसर्स सेंटर में सहभागिता बढ़ा सके।
----------
छिंदवाड़ा में ज्यादा, छतरपुर में सबसे कम
51 जिलों में हुई परीक्षा,बैठे 25 हजार बच्चे
10 हजार बच्चे सिर्फ छिंदवाड़ा जिले के
4 हजार बच्चे जबलपुर जिले में बैठे
8-8 बच्चे बैठे छतरपुर, टीकमगढ़, सतना में
2 महीने से हो रही थी तैयारी
----------
आगे क्या
मेरिट के आधार पर चुने जाएंगे 500 बच्चे
12 मार्च को होगी जूनियर मैथ्स ओलिंपियाड परीक्षा
मेरिट के आधार पर बच्चों को फिर चुनेंगे।
राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ट्रेंड करेंगे।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !