MPRTC कर्मचारियों के एरियर वितरण में आनाकानी कर रही है सरकार

BHOPAL | मध्य प्रदेश सड़क परिवहन निगम (सपनि) कर्मचारियों को महंगाई भत्ते (डीए) का एरियर अभी नहीं मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने दो माह में भुगतान के निर्देश दिए थे, लेकिन राज्य सरकार एक माह में अखबारों में विज्ञापन भी नहीं छपवा सकी है। सिर्फ संभागीय दफ्तरों से कर्मचारियों की जानकारी मांगी है। 19 हजार 812 कर्मचारियों को चौथे वेतनमान का डीए दिया जाना है।

13 साल की कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक दिसंबर-16 को कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाया था। कोर्ट ने सरकार को दो माह में डीए का एरियर देने और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को तलाशने के लिए अखबारों में विज्ञापन छपवाने को कहा था, लेकिन एक माह से ज्यादा समय होने के बाद भी सरकार ने विज्ञापन नहीं छपवाया। उल्लेखनीय है कि सरकार ने वर्ष 1998 में इन कर्मचारियों का डीए बंद कर दिया था और वर्ष 2003 में कर्मचारियों ने श्रम न्यायालय में पहली बार डीए का मामला दायर किया था। जबकि जनवरी-05 में सपनि बंद कर दिया।

प्रति कर्मचारी 5 से 15 लाख तक एरियर
इन कर्मचारियों को डीए का एरियर 5 से 15 लाख तक दिया जाना है। इसके लिए 230 करोड़ रुपए की जरूरत है। आर्थिक तंगी से गुजर रही सरकार इतनी राशि एकमुश्त देने की स्थिति में नहीं है। वर्ष 1998 से 2000 तक डीए का एरियर छत्तीसगढ़ के 4 हजार कर्मचारियों को भी देना पड़ेगा। क्योंकि यह राज्य बंटवारे के वक्त छग चले गए, वहीं प्रदेश में वर्तमान में 422 कर्मचारी कार्यरत हैं, जो 2027 तक सेवानिवृत्त हो जाएंगे।

हाईकोर्ट से मांग रहे जमा राशि 
परिवहन विभाग के अफसर बताते हैं कि इन कर्मचारियों को राशि देने के लिए हाईकोर्ट की इंदौर बेंच से जमा राशि की मांगी जा रही है। कर्मचारी वर्ष 2007 में इंदौर हाईकोर्ट से जीत गए थे। तब कोर्ट ने सपनि प्रबंधन से 16 करोड़ 92 लाख रुपए जमा करा लिए, जो ब्याज मिलाकर अब 25 करोड़ हो गए हैं।

इनका कहना है
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कार्रवाई की जा रही है। वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी पहले इकठ्ठी की जा रही है। इसके बाद विज्ञापन भी जारी करेंगे। 
एसएन मिश्रा, प्रमुख सचिव, परिवहन विभाग

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