
बीएसएफ की ओर से बताया गया है कि अपने करियर के शुरूआती दिनों से ही उसे रोजाना काउंसलिंग की जरूरत थी। वो (तेज बहादुर) हमेशा से नियमों का उल्लंघन करता रहा है। वो बिना अनुमति के अनुपस्थित रह करता है, बहुत पहले से शराब का सेवन और अपने वरिष्ठ अधिकारियों से दुर्व्यवहार करता रहा है। इन्हीं वजहों से इस शख्स ने एक ही विशेष अधिकारी की जिम्मेदारी के तहत हेडक्वार्टर में अपनी सेवाए दी हैं। इसके बाद BSF ने जोड़ा कि जवान की पृष्ठिभूमि को हटाकर, डीआईजी रैंक का एक अधिकारी स्थान पर पहुंच कर उन परिस्थितियों की जांच कर रहा है, जो आरोप वीडियो में लगाए गए हैं।
बता दें कि सोमवार (9 जनवरी) को दिन में BSF जवान तेज बहादुर यादव ने सोशल मीडिया साइट फेसुबक पर डाला था। BSF जवान ने इस वीडियो के जरिए सेना में जवानों की स्थिति को दिखाने की कोशिश की है। उसने बताया था कि आखिर चंद अफसरों की वजह से उन्हें किस हाल में नौकरी करनी पड़ती है। उन्हें जो खाना मिलता है उसका हाल बेहद खराब होता है। सीमा पर तैनाती के दौरान उन्हें ना तो ठीक से खाना मिलता है और ना ही आराम। उसने दावा किया कि जो चीजें और बजट सरकार की ओर से आता है वो जवानों तक पहुंचाया नहीं जाता। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।