
उसने कहा कि जब तक संबंधित व्यक्ति के पास आधार नहीं जाता तब तक राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र, तस्वीर के साथ किसान पासबुक, मनरेगा के तहत जारी रोजगार कार्ड तथा राजपत्रित या तहसीलदार द्वारा जारी प्रमाणपत्र पहचान के रूप में स्वीकार होगा। जिन लोगों ने आधार के लिए आवेदन किया है, वे पंजीकरण का परचा या आवेदन की प्रति संबंधित अधिकारियों को दे सकते हैं।
अधिकारी ने कहा कि केंद्र जम्मू कश्मीर और कुछ अन्य राज्यों के लिए आधार का पंजीकरण को अनिवार्य किए जाने के लिए जरूरी आदेश जारी कर रहा है। लोगों को आधार संख्या हासिल करने में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं हो, इसके लिए पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार ने इसके लिए आधार (वित्तीय एवं अन्य सब्सिडी, लाभ एवं सेवाओं की लक्षित डिलीवरी) कानून 2016 की धारा 7 का उपयोग किया है।
इस धारा के तहत यह अनिवार्य है कि जहां सरकार भारत के संचित निधि से सब्सिडी, लाभ या सेवा देती है, वहां संबंधित व्यक्ति से सत्यापन या आधार संख्या होने के बारे में साक्ष्य मांगे जा सकते हैं।