
शशि कर्णावत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जब सरकार ने मेरे लिए सारे रास्ते बंद कर दिए हैं तो मेरे लिए संसार के बाकी सभी रास्ते खुल गए हैं। मैं बीजेपी का दोहरा चरित्र उजागर करूंगी। 2013 में मेरे पास अरविंद मेनन आए थे और मेरे माता-पिता को समझाया था और कहा था कि बहन जी को बोले वो नौकरी छोड़ चुनाव लड़े।
शशि कर्णावत ने कहा कि 2012-13 विधानसभा चुनाव की बात है, उस वक्त मेरी नौकरी 8 साल बाकी थी, मैंने मेनन जी से कहा था कि मेरी नौकरी 8 साल बाकी है, अगर आप मुझसे सेवा लेना चाहते हैं तो पद पर रखकर लीजिए। बीजेपी की बात नहीं मानने की वजह से जानबूझकर फर्जी हलफनामा दिलवाकर मुझे सजा दिलवायी गयी। यह कहना है शशि कर्णावत का।
उन्होंने बताया कि मेरे पास पैसे नहीं थे तो दूसरे वर्ग ने 7 लाख जुर्माने की राशि कोर्ट में जमा करवायी थी। मैं इसलिए ये खुलासा नहीं करना चाह रही थी कि सरकार मुझे हर बार आश्वासन देती थी और सर पर हाथ रखकर कहती थी कि हम आपका काम कर रहे हैं।
लेकिन अब जब सरकार ने रास्ते बंद कर दिए हैं तो मैं स्वतंत्र हूं। उन्होनें बताया कि कोर्ट में जुर्माने की राशि के जो 15 लाख जमा हुए हैं उसमें से चार लाख आईएएस एसोसिएशन ने दिए हैं और 3 लाख अजाक्स ने दिए हैं। जुर्माने की राशि भरने के लिए हमारे पास पैसे नहीं थे। क्योंकि मैंने भ्रष्टाचार नहीं किया। उन्होंने बताया कि अब वो उस गठजोड़ का खुलासा करेंगी। जिन्होंने बेनामी संपत्ति बनायी है।
राजनीति में जाने के सवाल पर कर्णावत ने कहा कि हमारे साथ समाज है और समाज राजनीति से जुड़ी रहती है। शुक्रवार को राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री लाल सिंह आर्य ने शशि कर्णावत के मामले में अपना रूख साफ करते हुए कहा था कि वो संवैधानिक अधिकारों का गलत प्रयोग कर रही है और सरकार के खिलाफ अनर्गल आरोप लगा रही है। वहीं आर्य ने कहा था कि कर्णावत की बर्खास्तगी के लिए केंद्र सरकार को लिखा गया है और आदेश मिलते ही शशि कर्णावत को बर्खास्त किया जाएगा।