
आयोग ने इस बार कार्यशाला का विषय ‘स्वास्थ्य सेवाएं जन सामान्य तक पहुंच एवं उनकी प्रभावशीलता’ रखा था। जिसमें प्रदेश से सीएमएचओ को वक्ता के रूप में बुलाया गया था। तीन दर्जन से अधिक सीएमएचओ ने आयोग को लिखित में पहुंचने की स्वीकृति भी प्रदान की थी। कार्यक्रम के कार्ड बंट चुके थे। कार्यक्रम प्रशासन अकादमी में सभागार की बुकिंग हो चुकी थी। कार्यक्रम में पहुंचने वाले वक्ताओं और स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
पहले ही देनी थी सूचना
सीएमएचओ की जगह पर प्रतिनिधि के रूप में भोपाल पहुंचे एके वर्मा ने बताया कि कार्यक्रम स्थगित करने की जानकारी एक दिन पहले देना था न कि अचानक। इधर, आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र मोहन कंवर ने मंत्री के शहर में न होने की बात को छिपाते हुए पूरा कार्यक्रम स्थगित करने का ठीकरा सीएमएचओ और स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधियों के पर फोड़ दिया। अब कार्यक्रम 14 दिसंबर को रखा है।
मानवाधिकारों का हनन न करने की शपथ का क्या होगा
मानवाधिकारों का न तो हनन करने और न होने के संबंध में शपथ लेना अनिवार्य है। इसके लिए प्रदेश के सभी कार्यालयों में इसकी हर साल शपथ ली जाती है। महीने का दूसरा शनिवार होने की वजह से शासकीय कार्यालयों में अवकाश है।