शीत सत्र में दोगुना हो जाएगा सांसदों का मूलवेतन

संजय मिश्र/नई दिल्ली। लंबे समय से वेतन और भत्ते में बढ़ोतरी की बाट जोह रहे माननीयों की मुराद जल्द पूरी होने का रास्ता खुल गया है। सरकार ने संकेत दिए हैं कि संसद के आगामी शीत सत्र के दौरान सांसदों के वेतन, भत्ते और सुविधाओं में इजाफे के प्रस्ताव को मंजूरी दी जा सकती है।

इन संकेतों के बाद संसद ने भी माननीयों का वेतन और भत्ता बढ़ाने के लिए संयुक्त संसदीय समिति का गठन कर दिया गया है। भाजपा के वरिष्ठ सांसद योगी आदित्यनाथ को सांसदों के वेतन-भत्ता बढ़ाने संबंधी इस संसदीय समिति का अध्यक्ष चुना गया है।

सांसदों के वेतन और भत्ते में इजाफे को लेकर पिछले एक साल से कसरत चल रही है। इससे पहले एक और संसदीय समिति ने सांसदों के वेतन व भत्ते में दोगुने की वृद्धि की सिफारिश की थी। इसके तहत सांसदों के मौजूदा वेतन 50 हजार रुपये प्रति माह को बढ़ाकर एक लाख करने और अन्य भत्तों में भी इसी तरह की इजाफे की सिफारिश की गई थी। मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उठाए गए कुछ सैद्धांतिक सवालों की वजह से वेतन-भत्ते में इजाफे का यह मामला मानसून सत्र के दौरान आखिरी क्षणों में हल होते-होते रह गया।

सांसदों के वेतन और भत्ते की समीक्षा कर इसमें बढ़ोतरी का प्रस्ताव दोनों सदनों की संयुक्त संसदीय समिति करती है। जबकि पीएम का मानना है कि सांसद खुद अपना वेतन तय करें इसकी बजाय कोई दूसरी प्रणाली बनाने की जरूरत है। मगर सच्चाई यह भी है कि अभी सांसदों के वेतन-भत्ते में बढ़ोतरी के लिए कोई दूसरा वैधानिक विकल्प तय नहीं हुआ है। सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू होने के बाद सांसदों का वेतन दूसरे दर्जे के सरकारी अधिकारियों से भी कम है। इसीलिए सरकार पर भी सांसदों के वेतन-भत्ते में जल्द इजाफे का दबाव है।

सूत्रों के अनुसार शीत सत्र के दौरान इस पर फैसला करने के लिहाज से ही वेतन भत्ते पर संयुक्त संसदीय समिति का गठन बीते अक्टूबर महीने में किया गया है। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा गठित इस समिति में लोकसभा के 10 और राज्यसभा के पांच सदस्य हैं। 26 अक्टूबर को समिति की पहली बैठक भी हुई जिसमें योगी आदित्यनाथ को इसका अध्यक्ष चुना गया। समिति में लोकसभा सदस्यों में योगी के अलावा सुदीप बंधोपाध्याय, अधीर रंजन चौधरी, छेवांग थुपस्तान, सीएस पुत्तूराजू, जी राजू, राजू सेट्टी, वी सत्यभामा, सत्यपाल सिंह और प्रवेश साहिब सिंह हैं। राज्यसभा सदस्यों में सीपी ठाकुर, के रहमान खान, रीताब्रता बनर्जी, अनिल देसाई और सुखेन्दु शेखर राय के नाम हैं।

सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट आने के बाद राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के वेतन व भत्ते में बढ़ोतरी का सरकार ने सैद्धांतिक फैसला कर लिया है। कैबिनेट से इसे जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इसके मद्देनजर भी सांसदों के वेतन भत्ते में इजाफे पर जल्द फैसला होने की संभावना है। संयुक्त संसदीय समिति की सिफारिशों के आधार पर सांसदों के वेतन में वृद्धि पर फैसला होगा।

सरकार ने बीते मानसून सत्र के दौरान संकेत दिया था कि सांसदों का वेतन भारत सरकार के सचिव से पांच हजार रुपये ज्यादा करने पर विचार मंथन हो रहा है। वेतन के अलावा सांसदों को आवास, फोन, हवाई यात्रा और एक सहायक के साथ संसदीय क्षेत्र भत्ता भी मिलता है। वेतन में इजाफे के साथ इन सुविधाओं में भी बढ़ोतरी होगी। सांसदों के वेतन और भत्ते में पिछले छह साल से अधिक समय से कोई भी वृद्धि नहीं हुई है।

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