भोपाल में करोड़ों की काली करेंसी एक्सचेंज का राज अब नहीं खुलेगा

भोपाल। नोटबंदी के बाद भोपाल में पुराने नोटों को नए नोटों से बदलने का कारोबार तेजी से चल रहा है। यह 22 प्रतिशत दलाली पर बदला जा रहा है। बीते रोज भोपाल पुलिस के हाथ इन नेटवर्क के 3 काले कारोबारी लग भी गए थे परंतु पुलिस कारोबारियों ने वो राज उगलवाने में नाकाम रही, जिसकी उम्मीद पूरा भोपाल कर रहा था। पुलिस ने आरोपियों के बयानों पर भरोसा कर लिया और न्यायालय से रिमांड की मांग तक नहीं की। कोर्ट ने सभी को जेल भेज दिया है। 

आरोपी ने पुलिस से कहा है कि उसने रिश्तेदारों और दोस्तों से नई करंसी लेकर 22 फीसदी में बदलने का धंधा शुरू किया था। कामयाब होता, इससे पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। 

मंगलवार रात चंचल चौराहा से जतिन दरयानी और प्रदीप खिलवानी को सात लाख 46 हजार 500 रुपए के नए नोटों के साथ गिरफ्तार किया था। जतिन बैरागढ़ स्थित यू एंड मी रेस्टोरेंट का मालिक है, जबकि प्रदीप न्यू मार्केट स्थित शेफाली कलेक्शन के नाम से रेडीमेड दुकान चलाता है। दोनों ने पुलिस को बताया कि ये रकम उन्हें साड़ी की दुकान चलाने वाले आशीष राजानी ने दी थी। दोनों ये रकम लेकर सीहोर जा रहे थे। 

एएसपी शैलेंद्र सिंह चौहान के मुताबिक गुरुवार को पुलिस ने कोहेफिजा निवासी आशीष को भी गिरफ्तार कर लिया है। आशीष के पकड़े जाने के बाद भी पुलिस इतनी बड़ी रकम का असल मालिक का पता नहीं लगा पाई। उसने पुलिस को बताया है कि ये रकम दोस्तों और रिश्तेदारों से ली थी। तीनों आरोपी इस रकम को लेकर कोई दस्तावेज नहीं दे सके। इसलिए पुलिस ने गुरुवार दोपहर उन्हें अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। 
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