
मंत्रालय ने यह अभियान उस समय शुरु किया है, जब देश में सड़क दुर्घटनाओं की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। मंत्रालय ने इस दौरान मध्य प्रदेश के भी 25 से ज्यादा ऐसे दुर्घटना वाले क्षेत्रों(ब्लैक स्पॉट) को चिन्हित किया है, जहां सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होती है। इनमें 11ऐसे ब्लैक स्पॉट है, जो ज्यादा खतरनाक है। यही वजह है कि सबसे पहले इन क्षेत्रों में हादसों को रोकने की योजना तैयार की है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक योजना के तहत उस क्षेत्र में रोड इंजीनियरिंग के हादसों को रोकने के वह सारे उपाय किए जाएंगे, जो जरूरी होगें।
इन 11 स्पॉट पर होगा पहले काम
प्रदेश के जिन 11ब्लैक स्पॉट पर सबसे पहले काम होगा, उनमें शिवपुरी जिले में एनएच-3 और एनएच-27 पर स्थित तीन-तीन स्पॉट होंगे। इसके अलावा एनएच-75 के दो स्पॉट, एनएच-7, 31 और 12 के भी एक-एक स्पॉट को शामिल किया गया है। मंत्रालय के अधिकारियों की मानें तो इसके बाद बाकी बचे 14 ब्लैक स्पॉट को ठीक किया जाएगा।
प्रदेश में सड़क हादसों का सबसे ज्यादा खतरा शिवपुरी में
मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश में सड़क हादसों का यदि कहीं सबसे ज्यादा खतरा है, तो वह प्रदेश का शिवपुरी जिला है। जहां प्रदेश के 25 प्रमुख ब्लैक स्पॉटों में से सबसे ज्यादा सात ब्लैक स्पॉट(दुर्घटना वाले क्षेत्र)मौजूद है। यहां दुर्घटनाओं की औसत भी काफी ज्यादा है।