भोपाल। गोदामों में सड़ रही प्याज शिवराज सरकार की आखों में आंसू ला रही है। सरकार ने अपना सिरदर्द कलेक्टरों पर ट्रांसफर कर दिया है। कलेक्टर भी कहां टेंशन लेने वाले, उन्होंने समस्या कर्मचारियों के सिर ढोल दी। खरगोन कलेक्टर अशोक वर्मा ने आदेश दिया है कि जिले का प्रत्येक कर्मचारी कम से कम 50 किलो प्याज खरीदे। उसे जरूरत हो या ना हो, वो प्याज खाता हो या ना खाता हो, इससे कलेक्टर को क्या।
खरगोन कलेक्टर द्वारा जारी निर्देशों पर कर्मचारियों व अधिकारियों ने आपत्ति की है। इनका कहना है कि इस निर्देश के माध्यम से प्याज खरीदने के लिए बाध्य किया जा रहा है। दूसरी ओर कलेक्टर इससे इनकार कर रहे हैं। इस मामले में दो दिन पहले खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके कलेक्टरों से कहा है कि प्याज के रेट प्रदेश के लिए एक समान नहीं हो सकते। इसलिए कलेक्टर जिला स्तर पर कराए गए टेंडर के आधार पर प्याज बिक्री कराएं।
कलेक्टर की सफाई सुनिए
कलेक्टर वर्मा ने मामले में सफाई देते हुए कहा, 50 किलो प्याज 200 रुपए की होती है। हर कर्मचारी खरीद सकता है। निर्देशों में कहा है कि 50 किलो तक प्याज खरीद सकते हैं। प्याज खपत के लिए जिले की 5 उपजेलों, 165 छात्रावासों, कन्या आश्रमों और मध्यान्ह भोजन सप्लाई करने वालों को जिम्मेदारी सौंपी है।