राजधानी में भी नहीं पहुंची 108, इंतजार में मर गया इंजीनियरिंग छात्र

भोपाल। 108 एंबुलेंस फटाफट राहत पहुंचाने का दावा करके शुरू की गई थी। एक प्राइवेट कंपनी को इसके लिए सरकारी खजाने से मोटी रकम अदा की जाती है लेकिन अब 108 एंबुलेंस का ढर्रा भी सरकारी जैसा हो गया है। सुदूर ग्रामीण की क्या बात करें, राजधानी भोपाल में ही सूचना के एक घंटे बाद 108 पहुंची। तब तक सड़क पर तड़प रहे घायल इंजीनियरिंग स्टूडेंट की मौत हो गई। 

कोहेफिजा पुलिस के अनुसार लालघाटी पंचवटी निवासी 20 वर्षीय विशाल पिता सुनील कुंदानी रात को इंदौर जाने के लिए हलालपुर बस स्टैंड आया था। लालघाटी स्थित महेंद्रा शो-रूम के सामने बीआरटी कॉरिडोर पार करते समय उसे अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। 

घटना स्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घटना के बाद 108 एंबुलेंस को आने में आधा घंटे का वक्त लगा, उसके पहले मृतक के परिजन पहुंच गए थे। एम्बुलेंस में मौजूद डॉक्टर ने विशाल को मृत घोषित कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि यदि 10 15 मिनट में एंबुलेंस आ जाती और उसे प्राथमिक उपचार मिल जाता तो शायद उसे बचाया जा सकता था। 
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