
पत्र में श्री मिश्रा ने कहा कि पुलिस द्वारा सार्वजनिक हुई जानकारी के अनुसार किसी काले रंग की तेज रफ्तार कार ने भरी दोपहर उन्हें टक्कर मारी है। इस दुर्घटना को घटित हुए लगभग एक माह होने वाला है, किन्तु पुलिस के पास आधुनिकतम साईबर सेल एवं अन्य कई महत्वपूर्ण एजेंसियां/गुप्तचर सेवाऐं होने के बावजूद भी स्थानीय पुलिस अपने श्रेष्ठतम अनुसंधान और सर्वोत्तम सूचना संकलन की खूबी रखने वाले इस दिवंगत अधिकारी को, जिसे आगामी 15 अगस्त को अपनी श्रेष्ठ विभागीय सेवाओं को उपलक्ष्य में पुरस्कार भी प्राप्त होने वाला था, कि संदिग्ध मौत को अंजाम देने वाली काले रंग की कार को अभी तक नहीं खोज सकी है।
जिससे यह आशंका बलवती होती जा रही है कि स्वर्गीय खरे की मौत संयोगवश एक दुर्घटना से न होकर षड्यंत्रपूर्वक की गई हत्या है। इस अनसुलझी मौत/हत्या की वास्तविकता को निष्पक्ष जांच और परिणाममूलक कार्यवाही से ही सामने लाया जा सकता है। लिहाजा, स्वर्गीय खरे की मौत को लेकर डीजीपी एक विशेष जांच टीम गठित करें, ताकि एक योग्य अधिकारी की शहीदी को लेकर कुहासा दूर हो सके।