IAS थेटे का मामला मायावती ने उठाया

लखनऊ। मप्र के आईएएस रमेश थेटे का बहुजन समाज पार्टी से सीधा कनेक्शन सामने आया है। यहां थेटे ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि उन्हें भी रोहित वेमुला की तरह प्रताड़ित किया जा रहा है और उधर मायावती के भी यही शब्द थे। यहां याद दिला दें कि मप्र में दलित अधिकारी/कर्मचारियों का प्रतिनिधि संगठन अजाक्स आईएएस थेटे का समर्थन नहीं कर रहा है एवं इस मामले को जातिवाद नहीं बल्कि प्रशासनिक विवाद माना जा रहा है। 

लखनऊ में प्रकाशित समाचारों के अनुसार बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश मायावती ने कहा कि भाजपा शासित मध्य प्रदेश में दलितों व आदिवासी समाज के लोगों के साथ भेदभाव, उनकी उपेक्षा व उनके हित व कल्याण की घोर उपेक्षा करने का मामला खुले तौर पर सामने आकर उसका विरोध हुआ है। वहां के एक वरिष्ठ आई.ए.एस. अफ सर ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखकर इन मामलों में आपत्ति जताई है और अब उन्हें प्रताडि़त करने की तैयारी है, जैसा कि हैदराबाद के पीएच.डी. स्कॉलर रोहित वेमूला के साथ किया गया था।

गुजरात राज्य के ऊना जिले में ‘गौरक्षा’ के नाम पर मरी हुई गाय का चमड़ा उतारने वाले गरीब दलित समाज के लोगों के खिलाफ बर्बर व अमानवीय व्यवहार करने की घटना की निन्दा करते कहा कि इस प्रकार की अनेकों घटनाओं से बसपा का यह आरोप सही साबित होता है कि केन्द्र में भाजपा की वर्तमान सरकार बनने के बाद दलितों, पिछड़ों व धार्मिक अल्पसंख्यकों में से खासकर मुस्लिम समाज के साथ भेदभाव, उनका शोषण व उत्पीडऩ काफी ज्यादा बढ़ा है और धीरे-धीरे यह स्थिति भयावह रूप लेती जा रही है जो अत्यन्त ही चिन्ताजनक है। 

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि केन्द्र की वर्तमान सरकार के आने के बाद खासकर आर.एस.एस. से जुड़े कट्टरवादी संगठनों के लोग अपने आपको संविधान व कानून से ऊपर मानकर काम करने लगे हैं। यही कारण है कि खासकर भाजपा शासित राज्यों में वे लोग खुलेआम कानून को अपने हाथ में लेकर उन्माद व उपद्रव का वीभत्स प्रदर्शन लगातार करते रहते हैं। 

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