भोपाल वासियो, ये विज्ञापन फर्जी है, इस पर भरोसा मत करना

भोपाल। भोपाल के तमाम अखबारों में फ्रंट पेज पर एक विज्ञापन प्रकाशित हुआ है। यह विज्ञापन बिल्डरों की एक संस्था क्रेडाई की तरफ से जारी किया गया है। इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्धन एवं मध्यमवर्ग के लोगों को सस्ते आवास देने का वादा किया गया है। विज्ञापन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सीएम शिवराज सिंह, नगरीय निकाय मंत्री माया सिंह एवं भोपाल महापौर आलोक शर्मा के फोटो लगाए गए हैं। विज्ञापन कुछ इस तरह से प्रस्तुत हुआ है जैसे कोई सरकारी योजना हो, परंतु असल में ऐसा नहीं है। यह विज्ञापन फर्जी है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई है और अब विज्ञापन जारी करने वाली संस्था क्रेडाई समेत तमाम बिल्डर्स के खिलाफ एफआईआर की तैयारी की जा रही है जो इस फर्जीवाड़े में शामिल हैं। 

पहली नजर में ही फर्जी था
यह विज्ञापन पहली नजर में ही फर्जी समझ आ रहा था परंतु आम नागरिकों को भ्रमित करने के लिए काफी था। विज्ञापन में 'प्रधानमंत्री आवास योजना' का जिक्र प्रमुखता से किया गया था परंतु आवेदन किसी सरकारी दफ्तर में नहीं बुलाए गए थे बल्कि बिल्डर्स के नंबर दिए गए थे। ताकि लोग सीधे बिल्डर्स से संपर्क करें और उनके अटकी पड़ी प्रॉपर्टी बिक जाएं। 

सीएम, मंत्री, महापौर ने क्यों नहीं उठाई आपत्ति
यह एक बहुत बड़ा कार्पोरेट घोटाला कहा जा सकता है। जनता को बेवकूफ बनाने की योजना। अपना बचा हुआ माल खपाने के लिए सरकारी योजना के नाम का उपयोग। सवाल यह है कि विज्ञापन तमाम अखबारों में छपा। फ्रंट पेज पर छपा और फुल पेज छपा, फिर सीएम, मंत्री या महापौर ने आपत्ति क्यों नहीं उठाई। क्या उनकी भी इस फर्जीवाड़े में सहमति ही थी। 

मोदी के आॅफिस ने उठाई आपत्ति 
फर्जीवाड़ा करने वालों को शायद उम्मीद नहीं थी कि मामला मोदी के आॅफिस तक पहुंच जाएगा, परंतु ऐसा हो गया। पीएमओ ने आपत्ति उठाई तो शिवराज सरकार भी हिल गई। तत्काल हरकत में आई। पूछताछ शुरू हुई तो सीएम से लेकर नगरनिगम कमिश्नर तक सबने इससे पल्ला झाड़ लिया। शाम होते होते मंत्री माया सिंह ने कहा कि इस मामले में एफआईआर कराई जाएगी। 

CREDAI BHOPAL के अलावा बिल्डर्स भी हैं दोषी
इस फर्जी विज्ञापन कांड में क्रेडाई संस्था के तमाम पदाधिकारियों के अलावा वो सारे बिल्डर्स भी दोषी हैं जो इस फर्जी योजना में पार्टनर हैं। विज्ञापन में जिन बिल्डर्स के नाम दिए गए हैं वो इस प्रकार हैं: 
  1. FORTUNE SOUMYA HOUSING 
  2. MY CITY
  3. SIGNATURE GROUP
  4. UJJAWALA HOUSING & FINANCE PRIVET LIMITED
  5. UNITED BULLDERS & DEVELOPERS
  6. SHIVLOK BY DRAUPADI CONSTRUCTIONS
  7. REGAL HOMES 
  8. ABHINAV HOMES PVT. LTD. 
  9. ESSARJEE
  10. MACKER REAL VENTURES 
  11. STERLING BALAJEE GROUP


ऐड ऐजेन्सी भी जांच की जद में
सरकारी योजनाओं के विज्ञापन सरकारी ऐजेन्सियों से जारी होते हैं। 'प्रधानमंत्री आवास योजना' या ऐसी ही तमाम केन्द्र सरकार की दूसरी योजनाओं के विज्ञापन डीएवीपी से जारी होते हैं। ऐसे मप्र शासन की ओर से जारी होने वाले विज्ञापन जनसंपर्क संचालनालय या माध्यम की ओर से जारी किए जाते हैं। नगर निगम भी डायरेक्ट विज्ञापन जारी कर सकता है परंतु यह विज्ञापन निगम से भी जारी नहीं हुआ बल्कि किसी फर्जी ऐजेन्सी का नाम लिखा गया, जो अस्तित्व में ही नहीं है। पता चला है कि यह विज्ञापन भोपाल की एक प्रतिष्ठित एड ऐजेन्सी से जारी हुआ है। इस ऐजेन्सी के संचालक को मालूम था कि वो एक फर्जी विज्ञापन जारी कर रहा है। उसके पास इस विज्ञापन को डिजाइन करने या जारी करने की सरकारी अनुमति नहीं है, फिर भी उसने ऐसा किया। अत: इस फर्जीवाड़े में वह एड ऐजेन्सी भी जांच की जद में आनी चाहिए। 

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