भाजपा में गुटबाजी: कैलाश के कारण रीता रह गया इंदौर

भोपाल। भाजपा में गढ़ इंदौर मालवा में इन दिनों गुटबाजी चरम पर है। 9 विधानसभा सीटों वाले इंदौर से 8 विधायक हैं परंतु मंत्रीमण्डल में एक भी नहीं आया। विधायक सुदर्शन गुप्ता का नाम तय होने के बाद भी ऐन वक्त लिस्ट से कट हो गया। सुना है पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने प्रदेश के नेताओं को साफ कर दिया था कि गुप्ता के साथ रमेश मेंदोला को भी मंत्रिमंडल में लिया जाए। सीएम मेंदोला को मंत्री बनाना नहीं चाहते थे, अत: सुदर्शन का नाम भी काटना पड़ा। 

अनूपपुर जिले से विधायक रामलाल रौतेल के साथ भी ऐसा हुआ कि दिल्ली से सहमति होने के बाद भी गुरुवार को प्रदेश नेतृत्व ने उन्हे वेटिंग लिस्ट में डाल दिया। इससे रौतेल समर्थकों ने भाजपा दफ्तर पहुंचकर नारेबाजी की। शिवराज ने टीम में अर्चना चिटनीस को लिया जो इंदौर में रहती हैं, लेकिन उनका कार्यक्षेत्र बुरहानपुर है। मंदसौर, रतलाम, नीमच जिले से जगदीश देवड़ा, यशपाल सिंह सिसोदिया, कैलाश चावला, ओम प्रकाश सकलेचा, राजेंद्र पांडे आदि को निराशा ही मिली। सात में से पांच विधायक देने वाले धार जिले से रंजना बघेल, भंवर सिंह शेखावत और नीना वर्मा दावेदारी रही लेकिन किसी को जगह नहीं मिली। 

मंत्रिमंडल की दौड़ में रहे नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व के निर्णय पर कई सवाल खड़े किए। उनका कहना है कि कांग्रेस से आए लोगों को पद मिल गए। नेता पुत्रों को भी जगह मिल गई, लेकिन जमीनी कार्यकर्ताओं को कोई तवज्जो नहीं मिली। 

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