
मिश्रा ने कहा कि इससे तो ऐसा प्रतीत होता है कि गौर-सरताज को इस फार्मूले ने नहीं मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने ही अपनी निजी कुंठा व आंखों की किरकिरी होने की वजह से हटाया है।
केन्द्रीय मंत्रीमंडल के विस्तार को लेकर भी मिश्रा ने कहा कि 25 मई, 2014 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मंत्रीमंडल की नीति को स्पष्ट करते हुए ”मिनिमम गर्वेन्टमेंट, मेक्सिमम गर्वनेंस“ (Maximum Governence, Maximum Governence) की बात दोहराते हुए कहा था कि मेरी सरकार मंत्रीमंडल के गठन को लेकर सकारात्मक परिवर्तन की पक्षधर है। यूपीए सरकार के दौरान जिस भाजपा ने मनमोहन सिंह मंत्रीमंडल के विस्तार को लेकर बवाल मचाया था, आज हुए विस्तार के बाद वह संख्या मनमोहन सरकार से अधिक हो चुकी है। अब भाजपा खामोश क्यों है? प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उदघोषित ”मिनिमम गर्वेन्टमेंट, मेक्सिमम गर्वनेंस“ वाक्य भी एक और राजनीतिक जुमले के रुप में तब्दील हो गया है ।